भारत में पेगासस (Pegasus) के नाम पर हाय-तौबा मचने के बाद अब पाकिस्तान में भी इसका रोना शुरू हो गया है। पाकिस्तानी सूचना मंत्री फवाद चौधरी का कहना कि उनके प्रधानमंत्री इमरान खान की भी जासूसी भारतीय सरकार ने इजरायली सॉफ्टवेयर ‘पेगासस’ की मदद से करवाई।
पाकिस्तान ने सोमवार (जुलाई 19, 2021) को दावा किया कि एक नंबर, जो पीएम इमरान खान ने कभी इस्तेमाल किया था, वो भी रिपोर्टों के मुताबिक भारत की सूची में था। चौधरी का कहना है कि वह इस जासूसी के मुद्दे को आगे संबंधित मंचों पर जरूर उठाएँगे।
गौरतलब है कि कुछ प्रकाशनों द्वारा पब्लिश किए गए फोन टैपिंग के दावों का कोई सबूत नहीं मिल पाया है। चौधरी के पास भी इस टैपिंग को लेकर कोई सबूत नहीं हैं। लेकिन फिर भी कॉन्ग्रेस की भाँति पाकिस्तान इस पर अपना हल्ला मचा रहा है।
एक इंटरव्यू में चौधरी ने कहा कि वह इस हैकिंग से जुड़ी जानकारी एकत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं ट्विटर पर उन्होंने लिखा,
“गार्जियन न्यूज की खबरों पर बेहद चिंतित हूँ जिनमें कहा गया है कि भारतीय सरकार ने इजरायली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर पत्रकारों, राजनीतिक प्रतिद्वंदियों और राजनेताओं की जासूसी करवाई। मोदी सरकार की अनैतिक नीतियों ने भारत का खतरनाक ढंग से ध्रुवीकरण कर दिया है। अधिक जानकारी सामने आ रही हैं।”
फवाद चौधरी ने भारत के ख़िलाफ़ बयानबाजी करने के लिए कॉन्ग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा का ट्वीट भी रीट्वीट किया।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पाकिस्तान के सैंकड़ों नंबरों की जासूसी की गई और इसमें एक नंबर इमरान खान से भी जुड़ा है, जिसका उन्होंने कभी इस्तेमाल किया था, लेकिन अब वह उसे नहीं चलाते। पहली बात तो ये कि फवाद के पोस्ट में खुद ये बात स्पष्ट नहीं है कि आखिर खान के नंबर की जासूसी हो पाई या नहीं। इसके अलावा उन्होंने पेगासस पर रोना रोने में इतनी जल्दी की, कि वह भूल गए कि अगर ऐसा वाकई हुआ है तो ये उनकी पार्टी और उनके देश की खुफिया एजेंसी की विफलता है।
कॉन्ग्रेस ने मचाया पेगासस पर हल्ला
पाकिस्तान से पहले रविवार को यही हाल भारत में कॉन्ग्रेस का था। द वायर ने 40 पत्रकारों की लिस्ट निकाली थी और दावा किया था कि इन सबकी जासूसी पेगासस के जरिए करवाई गई थी। इसके बाद कई कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता निकल कर बाहर आए और इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया। जो पुरुष प्रदर्शनकारी थे उन्होंने अपनी शर्ट उतारकर प्रदर्शन किया। कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता श्रीनिवास बीवी ने तो ये तक आरोप लगाया कि राहुल गाँधी और उनके साथियों को लोकसभा 2019 चुनावों के मद्देनजर इसमें टारगेट किया गया।
भारत सरकार ने नकारे दावे
भारत सरकार ने बयान जारी करके ऐसे किसी भी जासूसी के आरोप को नकारा है। साथ ही मामले पर उठाए गए सवालों का जवाब दिया है। बयान में कहा गया है कि पूरी कहानी मनगढ़ंत हैं। इसमें न केवल तथ्यों की कमी है, बल्कि पहले से ही नतीजे बता दिए गए हैं। ऐसा लग रहा है कि ये लोग जाँचकर्ता के अलावा अधिवक्ता और पीठ का भी अभिनय कर रहे हैं। आरोपों का कोई आधार नहीं है और न ही ये सच से संबंधित हैं।