अफ्रीकी देश नाइजीरिया के उत्तर पश्चिमी प्रान्त के एक स्कूल से सशस्त्र हमलावरों ने 287 बच्चों का अपहरण कर लिया। जिन बच्चों का अपहरण किया गया है वह सभी 8-15 वर्ष के आयु के हैं। उन्हें मोटरसाइकिल पर आए हमलावर उठा ले गए। इन बच्चों को मुक्त करवाने के लिए नाइजीरिया के राष्ट्रपति ने सेना भेजी है।
जानकारी के अनुसार, नाइजीरिया के उत्तर पश्चिमी हिस्से के कुरीगा कस्बे में बृहस्पतिवार (7 मार्च, 2024) को यह घटना हुई। जब बच्चों का अपहरण किया गया तब वह रोजाना सभा में खड़े थे। इसी दौरान हमलावर आकर उन्हें उठा ले गए। बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले इन बच्चों की संख्या के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं थी लेकिन बाद में पता चला कि कुल 312 बच्चों का अपहरण हुआ था जिसमें से 25 सकुशल वापस आ गए। हमलावरों के कब्जे में अभी भी 287 बच्चे हैं। इनमें से 187 बच्चे सेकंडरी स्कूल जबकि 125 प्राथमिक स्कूल से थे।
हमलावरों ने एक बच्चे को गोली भी मार दी थी। उसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत भी हो गई। बच्चों को बचाने के लिए जो भी लोग गए थे उन पर इन हमलावरों ने गोलियाँ बरसा दी। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। बताया गया है कि यह हमलावर बोको हराम से अलग हुई एक शाखा अनासारु के सदस्य हैं। बोको हराम नाइजीरिया का एक आतंकी संगठन है। हालाँकि, अभी तक किसी भी संगठन ने इस अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है। माना जा रहा है कि इन बच्चों का अपहरण फिरौती वसूलने के लिए किया गया है।
इन बच्चों के साथ ही एक शिक्षक का भी इन हमलावरों ने अपहरण किया है। रिपोर्ट बताती है कि कुरीगा कस्बे के लगभग हर परिवार का एक बच्चा इस अपहृत बच्चों में शामिल है। नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला टिनुबू ने इन बच्चों को मुक्त करवाने के लिए सेना भेज दी है। सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल भी यहाँ पहुँच चुका है। राज्य के राज्यपाल ने लोगों को आश्वासन दिया है कि हर बच्चे को बचा लिया जाएगा। इसके लिए सुरक्षा एजेंसियाँ काम कर रही हैं।
हालाँकि, यह कोई पहली बार नहीं है जब नाइजीरिया में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का अपहरण हुआ है। इसी हफ्ते हमलावरों ने लगभग 200 बच्चों और महिलाओं को नाइजीरिया के उत्तरपूर्वी हिस्से से अपहरण कर लिया था। इनका अपहरण तब हुआ जब यह जलाने वाली लकड़ी इकट्ठा कर रहे थे। इससे पहले भी लगातार बच्चों और महिलाओं का अपरहण होता रहा है। गौरतलब है कि नाइजीरिया में बीते वर्षों में इस्लामिक आतंकवाद के कारण स्थितियाँ काफी बिगड़ी हैं।