हाल ही में अमेरिका की बहुप्रतिष्ठित अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) द्वारा शेयर किए गए ट्वीट के बाद हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों के साथ नजर आईं इंटर्न ‘प्रतिमा रॉय’ को हिंदूफोबिक हमलों का सामना करना पड़ा। हालाँकि, इसके बावजूद उन्हें दुनिया भर के लोगों से व्यापक समर्थन और प्यार मिला है।
इस पूरे मामले को लेकर प्रतिमा रॉय ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट लिखा है। यहाँ वह अपनी आस्था पर अडिग रहीं और लोगों से मिल रहे समर्थन के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा:
“अमेरिका में जन्मी एक भारतीय, जो मूल रूप से बंगाली है, वह अपने हिंदू धर्म से बेहद प्यार करती है। मैं हमेशा अपनी पृष्ठभूमि और संस्कृति को संरक्षित करने का प्रयास करती हूँ। भारतीय संस्कृति के प्रति मेरा प्यार मेरी तस्वीर में स्पष्ट दिखाई दे रहा है, जिसे पहली बार मार्च में नासा ब्लॉग पर साझा किया गया था।”
उन्होंने कहा कि हाल ही में नासा द्वारा उन प्रतिभागियों की फोटो ट्विटर पर शेयर की गई, जिन्हें उनके साथ इंटर्नशिप करने का मौका मिला। उस एक ट्वीट के बाद से उनकी हिन्दू धर्म के प्रति आस्था को लेकर काफी विवाद हुआ।
प्रतिमा रॉय ने आगे कहा, “मैं हर किसी की पृष्ठभूमि का सम्मान करती हूँ फिर चाहे वह नस्ल, जातीयता, लिंग या धार्मिक आस्था हो। मैं दूसरों को भी उनकी संस्कृति, पर्व का जश्न मनाने के लिए स्वतंत्र रहने के लिए प्रोत्साहित करती हूँ।” उन्होंने कहा कि हालाँकि, पिछले कुछ दिनों में उन्हें दुनिया भर के उन लोगों से सकारात्मक समर्थन मिला है, जिन्होंने उनके साथ-साथ नासा के उनके सहयोगियों के साथ ऑनलाइन जुड़ाव किया है।
गौरतलब है कि नासा द्वारा शेयर की गई तस्वीर में प्रतिमा रॉय की टेबल पर हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और दीवार पर भी देवी-देवताओं की कुछ तस्वीरें लगी दिखाई दी थीं। हिंदू धर्मपरायणता की इस तरह की स्पष्ट अभिव्यक्ति ने कुछ बुद्धिजीवियों को खासा नाराज कर दिया, क्योंकि ये बुद्धिजीवी प्रतिमा द्वारा अपनी भक्ति दिखाए जाने पर खुश नहीं थे। इन्होंने प्रतिमा के ‘वैज्ञानिक स्वभाव’ पर भी प्रश्न उठाया था। हालाँकि, प्रतिमा ने अपने उसी वैज्ञानिक स्वभाव के कारण NASA के साथ इंटर्नशिप करने का मौका अर्जित किया है।