भारत ने आज (1 मार्च, 2022) अपने सभी नागरिकों से यूक्रेन की राजधानी कीव को तत्काल छोड़ने की सलाह दी है। यूक्रेन के भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी कर कहा है, “छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों को आज तत्काल कीव छोड़ने की सलाह दी जाती है। सभी भारतीय आज ही यूक्रेन की राजधानी कीव को हर हाल में छोड़ दें। वे कीव से निकलने के लिए ट्रेन, बस या किसी भी चीज का सहारा लें।”
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीयों को आज तत्काल कीव छोड़ने की सलाह दी। pic.twitter.com/lxIWeCtwEU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2022
वहीं यूक्रेन में फँसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने अब भारतीय वायुसेना को भी मिशन ‘गंगा’ (Mission Ganga) में शामिल होने को कहा है। यह खबर ANI ने सूत्रों के हवाले से दी है। ANI को सूत्रों ने बताया कि वायु सेना के हवाई जहाजों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी, और उनकी संख्या में भी वृद्धि होगी। साथ ही, भारत से भेजी जा रही राहत सामग्री भी और तेजी से पहुँचेगी। इस अभियान के तहत भारतीय वायु सेना के कई C-17 विमान आज ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ान शुरू कर सकते हैं।
This will ensure that more people can be evacuated in a shorter time frame. It will also help deliver humanitarian aid more efficiently. Indian Air Force is likely to deploy several C-17 aircraft as part of Operation Ganga from today: Sources
— ANI (@ANI) March 1, 2022
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने यूक्रेन पर बड़ा हमला शुरू कर दिया है और उसके कई शहरों में बमबारी तेज कर दी है। इसी खतरे को देखते हुए आज ही यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए मोदी सरकार के ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय वायुसेना भी एक्टिव हो चुकी है। इससे पहले भारत ने सोमवार (28 फरवरी, 2022) को चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला किया था ताकि छात्रों की मदद की जा सके और उन्हें यूक्रेन से सुरक्षित निकाला जा सके। इसके तहत ही केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी जल्द ही हंगरी के बुडापेस्ट पहुँचने वाले हैं।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद करने के लिए हंगरी के बुडापेस्ट पहुंचने वाले हैं।
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(तस्वीर सोर्स: हरदीप सिंह पुरी के ट्विटर से) pic.twitter.com/vSw08kq6NZ
बता दें कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और वीके सिंह इस अभियान में समन्वय करने और छात्रों की मदद के लिए यूक्रेन के पड़ोसी पहुँच गए हैं। सिंधिया भारतीयों को यूक्रेन के निकालने के अभियान के लिए समन्वय का काम रोमानिया और मोल्दोवा से संभालेंगे, जबकि रिजिजू स्लोवाकिया गए हैं। पुरी हंगरी गए हैं और जनरल (रि) वीके सिंह भारतीयों को निकालने का प्रबंध करने के लिए पोलैंड पहुँचे हैं।
वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने भी सोमवार (28 फरवरी, 2022) को यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष इमरजेंसी सत्र में बयान दिया था कि भारत सरकार यूक्रेन में फँसे भारतीय नागरिकों को तत्काल निकालने के प्रयास करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
India is doing whatever it can to undertake immediate & urgent evacuation efforts of Indian nationals who are still stranded in Ukraine… this important humanitarian necessity must immediately be addressed: India at the 11th Emergency Special Session of UNGA on #Ukraine pic.twitter.com/pXsdMHLC9P
— ANI (@ANI) March 1, 2022
उन्होंने कहा है कि भारत यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति पर काफी चिंतित है। भारत ने हिंसा की तत्काल समाप्ति और लड़ाई को समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया और कहा कि सभी मतभेदों को केवल ईमानदारीपूर्वक और निरंतर बातचीत के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है। तिरुमूर्ति ने कहा, यह देखते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी संघ और यूक्रेन के नेतृत्व के साथ अपनी हालिया बातचीत में इसकी जोरदार वकालत की है।
तिरुमूर्ति ने कहा, “भारत इस बात से बहुत चिंतित है कि यूक्रेन में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। हम हिंसा को तत्काल समाप्त करने और लड़ाई समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। मेरी सरकार का दृढ़ विश्वास है कि कूटनीति के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई चारा नहीं है।”
I'd like to thank all neighbouring countries of Ukraine who have opened their borders for our citizens&given all facilities to our missions &their personnel. We stand ready to help those from our neighbours & developing countries who may seek assistance: India at UNGA on #Ukraine pic.twitter.com/dYX9a7GB7y
— ANI (@ANI) March 1, 2022
उन्होंने कहा, “यूक्रेन में तत्काल और दबाव वाली मानवीय स्थिति विकसित हो रही है। भारत उन भारतीय नागरिकों के तत्काल निकालने के प्रयास करने के लिए जो कुछ भी कर सकता है वह कर रहा है जो अभी भी यूक्रेन में फँसे हुए हैं। बड़ी संख्या में छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
तिरुमूर्ति ने अपने बयान में भारत की चिंता व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि सीमा पार की जटिल और अनिश्चित स्थिति लोगों की निर्बाध और अनुमानित आवाजाही पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। इस महत्वपूर्ण मानवीय आवश्यकता के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए। वहीं भारत ने यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों को धन्यवाद दिया जिन्होंने भारतीय नागरिकों के लिए अपनी सीमाएँ खोल दी हैं। साथ ही भारतीय नागरिकों को निकालने में जो सुविधाएँ दी हैं उनके लिए भारत ने धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, हम अपने पड़ोसियों और विकासशील देशों के उन लोगों की मदद के लिए तैयार हैं जो यूक्रेन में फँसे हुए हैं और मदद माँग सकते हैं।
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच अभी भी वहाँ हजारो भारतीय छात्र यूक्रेन में फँसे हुए हैं। जिन्हें स्वदेश लाने के लिए ऑपेरशन गंगा जारी है। इसके तहत अब तक हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं समेत भारतीय नागरिकों को भारत लाया जा चुका है। वहीं बाकी बचे लोगों को लाने के लिए भी मोदी सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। ऑपरेशन गंगा के तहत भारत वापस लाए जाने से पहले भारतीय छात्रों को हंगरी, पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाक गणराज्य – यूक्रेन के साथ सीमा साझा करने वाले सभी देशों में ले जाया जा रहा है।