अमेरिका को कोरोना के साथ जंग लड़ता देख पाकिस्तान अपने आतंकी मंसूबों को जमीन पर उतारने के लिए सक्रिय हो गया है। खबर आई है कि वहाँ खूँखार आतंकी अहमद उमर शेख सईद को रिहा करने के लिए रास्ता ढूँढ लिया गया है। अब जल्द ही उसे फाँसी की कैद से बचाकर सलाखों से आजाद कराया जा सकता है। बता दें कि उमर शेख ने 18 वर्ष पहले अमेरिका के खोजी पत्रकार डेनियल पर्ल को मारा था। ये उन्हीं आतंकियों में से एक है, जिन्हें 1999 में कंधार (अफगानिस्तान) में एयर इंडिया के विमान को छोड़ने के बदले रिहा किया गया था।
पाकिस्तानी अखबार दी एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रिटेन में जन्मे अहमद उमर शेख को आतंकवाद निरोधी अदालत ने जो फाँसी की सजा सुनाई थी, उसे सिंध उच्च न्यायालय ने पलट दिया। अदालत ने उम्रकैद की सजा काट रहे सईद के तीन अन्य साथियों फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल को बरी कर दिया। वहीं, अदालत ने कहा कि सईद को मौत की सजा की जगह 7 साल की सजा दी जाए। यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है, जब अमेरिका समेत पूरी दुनिया कोरोना संकट में फँसी हुई है। इसलिए माना जा रहा है कि आईएसआई ने कोर्ट के फैसले के बहाने एक बड़ी साजिश रची है।
जानिए कौन है ‘उमर शेख’, जिसे मुशर्रफ ने अपनी आत्मकथा में बताया था डबल एजेंट#OmarSaeedsheikh #Musharrafautobiography pic.twitter.com/yMYgJcdpOk
— Dainik State Samachar (@dssjammu) April 2, 2020
इधर, इस खबर की सूचना मिलने के बाद अमेरिका शांत नहीं है। उसने पाकिस्तान को चेताया है। अमेरिकी विदेश मामलों की हाउस कमिटी के चेयरमैन ने चेतावनी भरे लहजे में पाकिस्तान को आगाह करते हुए कहा कि पाकिस्तान की अदालत ने आतंकी उमर की सजा को जिस तरह से बदला है, वह चिंता की बात है। यह काफी जरूरी है कि पाकिस्तान अपनी बेहद पुरानी आतंकवाद की समस्या के खिलाफ वास्तविक प्रतिबद्धता दर्शाए।
पाकिस्तान ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की निर्मम हत्या में पिछले 18 साल से जेल में बंद खूंखार आतंकवादी अहमद उमर शेख सईद की जल्द रिहाई का रास्ता तैयार कर लिया है.#NewsState #CoronavirusPandemic #Covid_19 https://t.co/OjlksSZbsj
— News State (@NewsStateHindi) April 3, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि आईएसआई और पाकिस्तानी सेना का मानना है कि उमर सईद के बाहर आने से कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना और आसान हो जाएगा। हालाँकि खबर ये भी कि अदालत के इस फैसले से इमरान सरकार खुद असमंजस में है। इसलिए उनकी सरकार अभी तक यह फैसला नहीं कर सकी है कि इस फैसले के खिलाफ अपील की जाए या नहीं।
गौरतलब है कि उमर सईद ने ही 1994 में कश्मीर में 4 विदेशी पर्यटकों का अपहरण कर लिया था। बाद में सुरक्षा बलों ने एक कार्रवाई में उमर सईद को गिरफ्तार किया था। उमर गाजियाबाद समेत देश की कई जेलों में रहा है। फिर साल 1999 में उसे एयर इंडिया के विमान के अपहरण के बाद छोड़ा गया। अब कहा जा रहा है कि ISI 46 साल के सईद का इस्तेमाल एकबार फिर से भारत में आतंकी वारदातों को बढ़ाने में कर सकती है। बता दें पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उसे अपनी आत्मकथा में डबल एजेंट बताया था।