आतंकी संगठन हमास के समर्थन में रैली निकालकर फिलिस्तीन के प्रति एकजुटता का दिखावा दुनिया भर में किया जा रहा है, जबकि सीरिया-सूडान जैसे मुल्कों में मारे जा रहे मुस्लिमों को कोई इस्लामी देश आश्रय देने को तैयार नहीं है। फिलिस्तीन के प्रति ऐसा ही दिखावा पाकिस्तान में रैली के जरिए करने की कोशिश की जा रही थी। इस दौरान जमकर फायरिंग और आगजनी हुई।
कट्टरपंथी राजनीतिक दल जमात-ए-इस्लामी (JI) द्वारा शनिवार (28 अक्टूबर 2023) को रैली की तैयार कर रही थी। इस रैली के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे थे। इसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस भारी दल के साथ घटनास्थल पर पहुँची और लाउडस्पीकर को जब्त कर लिया। इसके बाद पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी की गई।
जमात ने यह रैली बिना जिला प्रशासन की अनुमति के आयोजित किया था। पुलिस ने शनिवार को श्रीनगर राजमार्ग पर दो अलग-अलग ‘झड़पों’ में जमात-ए-इस्लामी के 40 से अधिक कार्यकर्ताओं और तीन नेताओं को हिरासत में ले लिया। जिन नेताओं को हिरासत में लिया गया है उनमें इस्लामाबाद के JI प्रमुख नसरुल्ला रंधावा और उनके डिप्टी काशिफ चौधरी तथा डॉक्टर फारूक शामिल हैं।
JI के सूचना सचिव सज्जाद अहमद अब्बासी का दावा है कि पार्टी 29 अक्टूबर 2023 (रविवार) को होने वाले ‘गाजा मार्च’ की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान पुलिस दल घटनास्थल पर पहुँचा और उनके शिविरों को उखाड़ फेंका। उन्होंने दावा किया कि लगभग दो सप्ताह पहले इस्लामाबाद प्रशासन से अमेरिकी दूतावास तक रैली आयोजित करने के लिए लिखित रूप में अनुमति माँगी गई थी।
इस बीच पुलिस वहाँ पहुँचकर धारा 144 का हवाला दिया। टेंट उखाड़ दी और लाउडस्पीकर को जब्त कर लिया। पुलिस ने कहा कि उन लोगों को जिला प्रशासन से रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं मिली है। इसके बाद जमात के कार्यकर्ताओं ने बवाल करना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उन पर जमकर लाठी चार्ज किया। पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी।
माना जा रहा है कि जमात पाकिस्तान की वर्तमान सरकार के खिलाफ लोगों में माहौल तैयार करने की कोशिश कर रही थी। इसके साथ अमेरिकी दूतावास तक प्रदर्शन के दौरान दूतावास पर हमले की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद लोगों ने फिलिस्तीन के समर्थन में इकट्ठा हुए थे।
जमात के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने की पुलिस कार्रवाई के खिलाफ पार्टी के नेता और कार्यकर्ता श्रीनगर राजमार्ग पर एकत्रित हो गए। इस दौरान पुलिस और कार्यकार्ताओं के बीच जमकर टकराव हो गया। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि गिरफ्तारियाँ इसलिए की गईं क्योंकि कुछ लोग श्रीनगर राजमार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “राजमार्ग एक अंतर-प्रांतीय कनेक्टिविटी सड़क है और सड़क को अवरुद्ध करने से जनता के लिए समस्याएँ पैदा होती हैं।” पुलिस ने इन राजनीतिक कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए प्रचलित प्रक्रियाओं का पालन करने की सलाह दी।