भारत से संबंधित मुद्दों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का आम तौर पर विलाप जारी रहता है लेकिन मन की गहराइयों में, वह भारत के अलंकृत दृश्यों और यहाँ की सुंदरता से प्रभावित ही रहते हैं। भारत के अद्भुत नजारों के प्रति उनकी भावनाएँ एक ट्वीट के ज़रिये सामने आई। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने गिलगित-बाल्टिस्तान की एक विलक्षण तस्वीर साझा की और उन्होंने दावा किया कि यह धरती पर उनकी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है।
कैलेडॉसोपिक (गतिशील) तस्वीरों का परिदृश्य साझा करते हुए इमरान खान ने अपने ट्वीट में लिखा, “सर्दियों से ठीक पहले गिलगित-बाल्टिस्तान के रंग। इस धरती पर मेरी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक।”
The colours of Gilgit Baltistan just before the onset of winter. One of my favourite places on this earth. pic.twitter.com/qdhGqkZ2Fx
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) December 6, 2020
नेटिज़न्स ने दिलाया याद, गिलगित-बाल्टिस्तान है भारत का हिस्सा
जैसे ही इमरान खान ने उस जगह को अपनी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक बताया वैसे ही नेटिज़न्स ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें याद दिलाया गिलगित-बाल्टिस्तान वैधानिक रूप से भारत का हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान ने गैरक़ानूनी रूप से कब्ज़ा किया है।
gb is part of India 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
— ႮℳᗅℕᏀ ℙᗅͲℰし🕉امنگ (@Umangpatel023) December 6, 2020
gilgit baltistan is part of j&k and j&k is part of India 🇮🇳🇮🇳
.
jai hind 🇮🇳
.
RT and support to India 🇮🇳 pic.twitter.com/9kgDkVbwR5
Gilgit Baltistan is part of erstwhile princely state of Jammu & Kashmir, an integral part of India.
— Ravi Khandelwal (@khandelwals1) December 6, 2020
Son, this is the land of India, India will take it one day and do not show the stolen thing to the world.
— MEWADI ~BAPU~ (@Kr_CHUNDAWAT) December 6, 2020
एक यूजर ने तो इन तस्वीरों को खींचने का दावा करते हुए निराशा जताई है कि काँट-छाँट कर तस्वीरों से वाटरमार्क और उसका क्रेडिट गायब कर दिया गया है।
Thank you sir @ImranKhanPTI for sharing my picture but it would have been great if my watermark haven’t being cropped & credits may have been given to me. https://t.co/HaeXsVQPbP
— Asmar’s Photography (@asmarhussain110) December 7, 2020
सोशल मीडिया यूज़रर्स ने बताया, गिलगित-बाल्टिस्तान की नहीं कैलिफ़ोर्निया की तस्वीरें
यह ट्वीट करने से ठीक पहले इमरान खान ने एक ट्वीट में चार तस्वीरें इसी कैप्शन के साथ साझा की थी। जिसके बाद तमाम सोशल मीडिया यूज़र ने इस बात की और इशारा किया कि यह तस्वीर गिलगित-बाल्टिस्तान की नहीं, बल्कि अमेरिका की है। इसके बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ट्वीट डिलीट कर दिया और दोबारा किए गए ट्वीट में कुछ तस्वीरें साझा की जो कथित तौर पर गिलगित-बाल्टिस्तान की थीं।
This joker tweeted image of California and claimed it to be of Girgit Baltistan. Later deleted that tweet.
— औरंगज़ेब (@__phoenix_fire_) December 6, 2020
“Nakshe badalne se kuch nahi hoga khan sahab, ek baar nasha badal ke dekh lo ” pic.twitter.com/b6CUw3bcsZ
Dear prime Minister @ImranKhanPTI , this is not Gilgit Baltistan but California USA. https://t.co/w4fWk0RStp https://t.co/n17rcadD6B pic.twitter.com/WZaEQY0FMF
— Fawad Rehman (@fawadrehman) December 6, 2020
गिलगित-बाल्टिस्तान: अतीत में जम्मू कश्मीर का हिस्सा
गिलगित-बाल्टिस्तान अतीत में जम्मू-कश्मीर रियासत (प्रिंसली स्टेट) का हिस्सा था जिस पर महाराजा हरि सिंह का शासन था। आज़ादी के कुछ समय बाद पश्तून लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना का समर्थन किया, जिसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर हमला करके लूट और बलात्कार की।
पाकिस्तान के इस समुदाय ने गिलगित-बाल्टिस्तान और मुज़फ्फराबाद समेत कश्मीर के अन्य क्षेत्रों पर कब्ज़ा किया। हमले के 4 दिन बाद 26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरि सिंह ने समझौते पर हस्ताक्षर किए और फिर जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ। इसके बाद भारतीय सेना एयरलिफ्ट कर श्रीनगर भेजी गई और राजधानी को आज़ाद कराया जा सका।
इसके बाद भारतीय सेना पश्तून समुदाय के लोगों को वहाँ से हटाने में पूरी तरह कामयाब रही और वहाँ युद्धविराम हुआ। भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक जम्मू हासिल किया, लेह लद्दाख के साथ साथ कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा भी हासिल किया। तब तक पाकिस्तानी सेना गिलगित-बाल्टिस्तान पर कब्ज़ा कर चुकी थी इसमें शक्सगाम घाटी और कश्मीर के कई क्षेत्र शामिल थे।
समझौते की वजह से जम्मू-कश्मीर पर भारत का संप्रभुता के लिहाज़ से अधिकार है। इसमें पीओके के कुछ हिस्से जैसे गिलगित-बाल्टिस्तान और कश्मीर के भी कुछ इलाके जिस पर पाकिस्तान का ग़ैर कानूनी कब्ज़ा है शामिल हैं। नवंबर 2020 में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को ‘प्रोविंशियल स्टेटस’ का ऐलान किया था। उनका दावा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प को मद्देनज़र रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, “भारत सरकार पाकिस्तान के ऐसे किसी भी प्रयास को सिरे से खारिज करती है, जिसमें वह भारत की सीमा में किसी भी तरह का बदलाव करना चाहता है। मैं इस बात उल्लेख करना चाहता हूँ कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और गिलगित-बाल्टिस्तान का क्षेत्र क़ानूनी तौर पर भारतीय गणतंत्र का हिस्सा हैं।” पाकिस्तान का उन क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है। उसने गैर कानूनी रूप से कब्ज़ा कर रखा है।
पूरे बयान में कहा गया था, “पाकिस्तान का अनाधिकारिक कब्ज़ा वहाँ पर रहने वाले लोगों के साथ होने वाला अत्याचार, मानवाधिकार उल्लंघन, उत्पीड़न और 7 दशकों से छिनी हुई उनकी आज़ादी को छुपा नहीं सकता है। पाकिस्तान को भारतीय क्षेत्रों में बदलाव करने की बजाय वह इलाके खाली करने चाहिए जिस पर उसका अनाधिकारिक कब्ज़ा है।” सितंबर के दौरान सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पाकिस्तान का राजनीतिक फैलाव जो पूरी तरह वहाँ की सेना के हाथ में था, उसने पूरे क्षेत्र की तथाकथित स्वायत्तता को बदलने की आज़ादी दी थी। इस फैसले से सीधे तौर पर चीन और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को फायदा होगा।
Thank you sir @ImranKhanPTI for sharing my picture but it would have been great if my watermark haven’t being cropped & credits may have been given to me. https://t.co/HaeXsVQPbP
— Asmar’s Photography (@asmarhussain110) December 7, 2020