पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति है, ये किसी से छिपी नहीं है। लाहौर समेत पाकिस्तान के कब्जे वाले पंजाब में सिख महिलाओं के साथ मुस्लिमों के अत्याचार की वारदातें सामने आती रही हैं। कहीं, सिख लड़कियों को अगवा कर उन्हें मुस्लिम बना देना और उनके साथ अधेड़ मुस्लिम का निकाह करा देना, तो कहीं नई नवेली दुल्हन को अगवा कर लेना। इस बीच, पाकिस्तान के ननकाना साहिब की रहने वाली एक सिख महिला को 2 सगे भाईयों ने अगवा कर लिया और करीब 9 महीने तक उसके साथ गैंगरेप करते रहे। यही नहीं, इस दौरान उन्होंने महिला के नाबालिग बच्चे को भी बंदी बनाकर रखा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित महिला ननकाना साहिब की रहने वाली है। वो तलाकशुदा है। महिला की मुस्लिम सहेली ने सालों पहले उसकी पहचान खुर्रम शहजाद नाम के व्यक्ति से कराई थी। करीब 9 महीने पहले महिला ने अपने नाबालिग बेटे को फैसलाबाद उसकी मौसी के घर छोड़ने के लिए खुर्रम शहजाद के हवाले किया था, लेकिन खुर्रम शहजाद ने अपने भाई किजार के साथ मिलकर नाबालिग लड़के को अगवा कर लिया और महिला को फैसलाबाद के बाहरी इलाके सोहैबाबाद आने को मजबूर किया। महिला जब अपने बच्चे को लेने पहुँची, तो दोनों भाईयों ने उसे भी बंदी बना लिया।
खुर्म और किजार शहजाद ने पिछले 9 महीनों से उसे बंदी बनाकर गैंगरेप किया। इस मामले की खुलासा तब हुआ, जब किसी तरह से ये सूचना पुलिस तक पहुँची। पुलिस ने छापेमारी करते हुए 14 अगस्त 2024 को महिला और उसके बच्चे को बरामद किया और खुर्रम-किजार को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि महिला के रिश्तेदान की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई, जहाँ महिला को दिसंबर 2023 से ही बंधक बनाकर रखा गया था और गैंगरेप किया जा रहा था। दोनों महिला को प्रताड़ित भी करते थे, ताकि वो किसी तरह का विरोध न कर सके।
बता दें कि पाकिस्तान के आजादी वाले दिन ही 14 अगस्त को ही बेल्जियम की एक महिला के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई थी, जहाँ गैंगरेप के बाद महिला का हाथ-पाँव बाँधकर सड़क पर मरने के लिए फेंक दिया गया था। ये दोनों ही घटनाएँ एक के बाद एक सामने आई हैं।