तीन दिन के अमेरिकी दौरे पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान एक के बाद एक सनसनीखेज कबूलनामे कर रहे हैं। पहले उन्होंने माना कि पाकिस्तान की जमीन पर करीब 40 आतंकी संगठन फल-फूल रहे थे। अब कहा है कि उनके देश में 30 से 40 हजार आतंकी मौजूद हैं, जो अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों और कश्मीर में दहशतगर्द को बढ़ावा देने में शामिल रहे हैं।
थिंक टैंक यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के सत्ता में आने से पहले की सरकारों ने पाकिस्तानी जमीन पर सक्रिय आतंकी गुटों पर शिकंजा कसने के लिए ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ नहीं दिखाई।
Pakistan still has 30,000-40,000 militants, admits Imran Khan
— ANI Digital (@ani_digital) July 24, 2019
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उन्होंने कहा, “2014 में पाकिस्तान तालिबान ने आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला कर 150 बच्चों की हत्या कर दी। उस समय सभी राजनीतिक दलों ने नेशनल एक्शन प्लान पर हस्ताक्षर करते हुए तय किया था कि आतंकी गुटों को पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देंगे। लेकिन पहले की सरकारों ने इस दिशा में राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई।”
उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने इन गुटों पर शिकंजा कसना शुरू किया है और ऐसा पहली बार हो रहा है।
इससे पहले कैपिटल हिल में अमेरिकी सांसदों को उन्होंने बताया कि उनके देश में करीब 40 आतंकी समूह चल रहे थे। खान ने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई लड़ रहे थे। पाकिस्तान का 9/11 से कुछ लेना-देना नहीं था। अल-कायदा अफगानिस्तान में था। पाकिस्तान में कोई तालिबानी आतंकवाद नहीं था। लेकिन हम अमेरिका की लड़ाई में शामिल हुए। दुर्भाग्यवश जब चीजें गलत हुई तो हमने अमेरिका को कभी जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं कराया। इसके लिए मैं अपनी सरकार को जिम्मेदार ठहराता हूँ।”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ऐसे दौर से गुजरा है जहां हमारे जैसे लोग चिंतित थे कि क्या हम (पाकिस्तान) इससे सुरक्षित निकल पाएंगे। इसलिए जब अमेरिका हमसे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीतने में और सहयोग की आस लगाए था, उसी वक्त पाकिस्तान अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रहा था। ”