पाकिस्तान ने बड़ा कदम उठाते हुए Facebook, Twitter, Tiktok, WhatsApp और YouTube पर शुक्रवार को 11 से 3 बजे तक के लिए अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। शाम 4 बजे से ये सेवाएँ फिर से पहले की ही तरह काम करना शुरू कर देंगी।
#BREAKING: Pakistan bans social media across the country from 11am to 4pm. No reason given for justification of the ban. Whatsapp, YouTube, Twitter, Telegram, TikTok, Facebook have been shut among other platforms. Telecom operators say no fixed timeline given to restore the data.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) April 16, 2021
सरकार ने यह फैसला देश में आंतरिक कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया है। इमरान सरकार ने यह कदम तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद उठाया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने सभी टीवी चैनलों को प्रतिबंधित संगठन के किसी भी कवरेज से रोक दिया है।
सुरक्षाबलों को आशंका है कि टीएलपी शुक्रवार की नमाज के बाद देश भर में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन कर सकता है।
Notification by Interior Ministry of Pakistan to Pakistan Telecommunication Authority for blocking social media – twitter, Facebook, WhatsApp, YouTube and telegram from 11am to 3pm today. Pak forces expect massive violent protests after Friday prayers this afternoon by the TLP. pic.twitter.com/Vr6LyeMiWi
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) April 16, 2021
आंतरिक मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि सरकार के पास पुख्ता सबूत है कि टीएलपी “आतंकवाद में लिप्त है और पूर्वाग्रह तरीके से काम करती है व देश की शांति और सुरक्षा के लिए चुनौती है”। यह भी कहा गया है कि इस संगठन ने जनता को डराया, धमकाया लोगों को चोटें पहुँचाई और कानूनी एजेंसियों से जुड़े लोगों की हत्या भी किए हैं।
टीएलपी पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम, 1997 की धारा 11 बी (1) के तहत मुकदमा चलाया गया है। इस एक्ट के तहत सरकार आतंकवाद में शामिल संगठनों पर प्रतिबंध लगा सकती है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख रशीद ने बुधवार को टीएलपी पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी उनके इस आदेश का अनुमोदन किया। इसके मुताबिक, धार्मिक समूह द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शनों में दो पुलिस अधिकारी मारे गए थे और सुरक्षाबलों के 30 वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।
टीएलपी कार्यकर्ताओं के सड़कों पर उतरने के बाद 12 अप्रैल को पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारी संगठन के मुखिया साद की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। साद की गिरफ्तारी के बाद उसके समर्थकों ने कई शहरों की सड़कों को जाम कर दिया था। हालाँकि, सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया है।
इस मामले में अब तक कम से कम 115 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 2,063 कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए हैं। पंजाब में 1669 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, सिंध में 228, खैबर पख्तूनख्वा में 193, और इस्लामाबाद में 43 आंदोलकारियों को गिरफ्तार किया गया है।