Monday, November 18, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयPak ने उठाया तालिबानी सेना के पुनर्गठन का बीड़ा, ISI प्रमुख को भेजेगा काबुल:...

Pak ने उठाया तालिबानी सेना के पुनर्गठन का बीड़ा, ISI प्रमुख को भेजेगा काबुल: TTP ने उड़ा रखी है इमरान सरकार की नींद

इससे पहले पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने तालिबान को लेकर कहा था, “हम तालिबान नेताओं के संरक्षक हैं। हमने लंबे समय तक उनकी देखभाल की है। उन्हें पाकिस्तान में आश्रय, शिक्षा और एक घर मिला। हमने उनके लिए सब कुछ किया है।”

अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद तालिबान ने वहाँ पर अपना शासन स्थापित कर लिया है। अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के बाद अब वह जल्द से जल्द अपनी सरकार बनाना चाहता है। इस बीच पड़ोसी पाकिस्तान अफगानिस्तान में ताज़ा हालात के बीच चिंता में आ गया है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सुरक्षा प्रतिष्ठान पश्तून आदिवासियों से बने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की करतूतों को लेकर काफी चिंतित है क्योंकि वह अफगान तालिबान की तरह सीमा के पार पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहा है। पिछले कुछ सालों में टीटीपी ने आतंकवादी हमले कर कई पाकिस्तानी अधिकारियों और नागरिकों की हत्या की है।

इससे पहले पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने तालिबान को लेकर कहा था, “हम तालिबान नेताओं के संरक्षक हैं। हमने लंबे समय तक उनकी देखभाल की है। उन्हें पाकिस्तान में आश्रय, शिक्षा और एक घर मिला। हमने उनके लिए सब कुछ किया है।”

लेकिन अब पाकिस्तान को अफगान-पाकिस्तान सीमा पर आतंकी हमलों के बढ़ने का डर सताने लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि तालिबान अफगान बलों और अमेरिकी बलों की वापसी से खाली हुए स्थान को भरने की कोशिश कर रहा है। एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी के मुताबिक, “अगले दो से तीन महीने महत्वपूर्ण हैं।” अधिकारी ने कहा, “हमें (अंतरराष्ट्रीय समुदाय को) तालिबान की सेना को पुनर्गठित करने में मदद करनी होगी, ताकि वे अपने क्षेत्र को नियंत्रित कर सकें। क्योंकि उसे न केवल टीटीपी, बल्कि ISIS से भी खतरा है।”

आईएसआई प्रमुख को अफगानिस्तान भेजेगा पाक

सुरक्षा फैसलों तक पहुँच रखने वाले एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) एजेंसी के प्रमुख सहित सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों को अफगानिस्तान भेजने का फैसला किया है। ताकि वो तालिबान की सेना के पुनर्गठन में मदद कर सकें।

दरअसल, पाकिस्तान काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद से काफी चिंतित है। इसके अलावा पिछले हफ्ते से पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर गोलीबारी हुई है, जिसमें कम से कम दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं।

इस बीच, अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान पर अफगान तालिबान का समर्थन करने का आरोप लगाया है, जो कि पिछले दो दशकों से अधिक समय से विदेशी ताकतों के खिलाफ ‘जिहाद’ लड़ने का दावा करता रहा है।

तालिबान शासन को पाकिस्तान ने अभी तक मान्यता नहीं दी

खास बात यह है कि तालिबान के मुख्य समर्थक पाकिस्तान ने अभी तक तालिबान शासन को मान्यता नहीं दी है। एक अधिकारी ने कहा, “हम तालिबान सरकार को मान्यता देते हैं या नहीं, अफगानिस्तान में स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है।” तालिबान सरकार की मान्यता अभी प्राथमिकता नहीं है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -