पाकिस्तान के पेशावर शहर के एक स्थानीय अदालत में जज के सामने एक बुजुर्ग अहमदिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद हजारों कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने हत्यारे के साथ एकजुटता व्यक्त की और उसका समर्थन करने के लिए सड़कों पर उतर आए।
मृत ताहिर अहमद नसीम एक अमेरिकी नागरिक थे। उन पर 2018 से पैगंबर मुहम्मद के अपमान के आरोप में ईशनिंदा कानून के तहत मुकदमा चल रहा था। इस घटना के बाद, पुलिस ने हत्यारे खालिद खान को गिरफ्तार कर लिया।
कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा-निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाते हुए हजारों पाकिस्तानी सड़क पर उतर आए। ये सभी ईशनिंदा करने वालों के लिए सिर्फ मौत की सजा में विश्वास रखते हैं।
सभी कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने अमेरिकी नागरिक अहमद के हत्यारे के सपोर्ट में हाथों में बैनर लेकर एक जुलूस निकाला। इसके साथ ही इन्होंने “अल्लाह हू अकबर” और “नारा-ए-तकबीर” के नारे लगाए और हत्यारे को सलाम किया।
Thousands gathered in Peshawar to show solidarity with the killer of blasphemy accused American citizen Tahir Ahmed Naseem. pic.twitter.com/llnQD9vxlm
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) August 1, 2020
इससे पहले सोशल मीडिया पर हत्यारे को हीरो बताते हुए खूब प्रशंसा की गई थी। लोगों ने ईशनिंदा करने वाले की हत्या करने पर उसे “लॉयन ऑफ इस्लाम” के रूप में सम्मानित भी किया था। सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया उसने ऐसा करके इस्लाम को बचाया है।
पाकिस्तानी खालिद खान द्वारा किए गए इस जघन्य अपराध को बहादुरी बताते हुए उसे सही ठहरा रहे हैं। वहीं भरी अदालत के अंदर एक निहत्थे बुजुर्ग व्यक्ति को मारने पर उसे हीरो समझा जा रहा है। कट्टरपंथी मुस्लिम उसकी जयजयकार कर रहे हैं।
इस पूरी घटना के गवाह एक वकील ने बताया कि मृतक के खिलाफ ईशनिंदा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। उसी सिलसिले में आरोपित को पेशावर सेंट्रल जेल से कोर्ट लाया गया था।
वकील ने कहा, “मामले की सुनवाई के दौरान, शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपी एक अहमदी था और उसने उसे कलिमा-ए-तय्यबा सुनाने के लिए कहा।” ताहिर अहमद नसीम मुस्लिम “पैगंबर मुहम्मद” का अपमान करने के लिए जाँच के दायरे में थे। अहमद 2018 से जेल में था।
कथित तौर पर, अदालत प्रांतीय विधानसभा भवन, पेशावर उच्च न्यायालय, मुख्यमंत्री सचिवालय और गवर्नर हाउस के बगल में कैंटोनमन्ट क्षेत्र में एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र में स्थित है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सशस्त्र हमलावर इतनी सिक्योरिटी होने के बावजूद अदालत में कैसे प्रवेश कर गया।