दोबारा प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद नरेंद्र मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा पर शनिवार (8 जून) को मालदीव पहुँचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलेह ने शनिवार को भारत द्वारा निर्मित तटीय निगरानी रडार प्रणाली का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। दोनों नेताओं ने रक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर वार्ता की।
ख़बर के अनुसार, इस रडार प्रणाली का उद्घाटन बहुत महत्वपूर्ण है, इसकी वजह यह है कि चीन हिंद महासागर में अपनी समुद्री रेशम मार्ग परियोजना के लिए मालदीव को महत्वपूर्ण मानता है। चीन इसके लिए श्री लंका में हंबनटोटा बंदरगाह और अफ्रीका के पूर्वी छोर पर स्थित जिबूती पर अपना प्रभाव क़ायम कर चुका है।
तटीय निगरानी रडार, एकीकृत तटीय निगरानी प्रणाली के लिए प्राथमिक सेंसर है। दोनों देशों ने भारतीय नौसेना और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के बीच ‘व्हाइट शिपिंग’ सूचनाओं का आदान-प्रदान करने संबंधी एक तक़नीकी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
दरअसल, ‘वाइट शिपिंग’ समझौते के तहत दो देश एक दूसरे के समुद्री क्षेत्र में वाणिज्यिक जहाजों के बारे में दोनों देशों की नौसेना के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बचाया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति सोलेह ने संयुक्त रूप से गर्मजोशी से चर्चा की। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि परस्पर लाभकारी साझेदारी के तहत दोनों नेताओं ने एक तटीय निगरानी रडार प्रणाली और मालदीव रक्षा बलों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।
PM @narendramodi and Maldives President @ibusolih jointly inaugurated two projects on Composite Training Centre and Coastal Surveillance Radar System. pic.twitter.com/PHG2vKzKh3
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) June 8, 2019