जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) सोमवार (14 नवंबर 2022) को इंडोनेशिया (Indonesia) के बाली (Bali) गए। रवानगी से पहले पीएम मोदी ने कहा कि वे बाली शिखर सम्मेलन के दौरान वैश्विक विकास, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन जैसे मसलों पर G-20 के नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे।
During the Bali Summit, I will have extensive discussions with other G20 Leaders on key issues of global concern, such as reviving global growth, food & energy security, environment, health, and digital transformation: PM Modi’s departure statement ahead of G20 Leaders’ Summit pic.twitter.com/VNAdCjD29E
— ANI (@ANI) November 14, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा ,”मैं इस सम्मेलन से इतर इसमें भाग लेने वाले कई अन्य देशों के नेताओं से भी मिलूँगा और उनके साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा करूँगा। मैं 15 नवंबर को एक स्वागत समारोह में बाली में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूँ।”
In a significant moment for our country and citizens, President of Indonesia Joko Widodo will hand over G20 Presidency to India at closing ceremony of Bali Summit. India will officially assume G20 Presidency from 1st Dec: PM Modi in his departure statement ahead of Bali Summit
— ANI (@ANI) November 14, 2022
बाली रवाना होने से पूर्व पीएम ने कहा, “हमारे देश और नागरिकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण होगा, जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) बाली शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में भारत को G-20 की अध्यक्षता सौंपेंगे। भारत आधिकारिक तौर पर 1 दिसंबर 2022 से जी-20 की अध्यक्षता करेगा।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जी-20 शिखर सम्मेलन 15-16 नवंबर को है। पीएम मोदी 14 से 16 नवंबर तक बाली में रहेंगे। करीब 45 घंटे के अपने प्रवास के दौरान वह 20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। दुनिया के दिग्गज 20 देशों के समूह जी-20 के प्रमुखों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अलावा प्रधानमंत्री इसमें हिस्सा लेने वाले 10 देशों के प्रमुखों से द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे। इसमें बहुपक्षीय व द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
क्या है जी-20
जी-20, 19 देशों के साथ यूरोपियन यूनियन का एक समूह है। जी-20 देशों के समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। इस समूह में वे देश शामिल हैं, जो अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में टॉप पर हैं। हर साल इन देशों का एक सम्मेलन होता है। इसमें अलग-अलग देशों के शीर्ष नेता, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री आदि शामिल होते हैं। ये देश मिलकर ना सिर्फ ग्लोबल इकोनॉमी पर काम करते हैं, बल्कि आर्थिक स्थिरता, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा करते हैं। इनका मूल उद्देश्य आर्थिक स्थिति को नियंत्रित रखना है।
बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। G-20 में कोई स्थायी अध्यक्ष ना होने की वजह से इसमें हर देश का अपना योगदान होता है। इसी कड़ी में अब कमान भारत के पास आनी है।