प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लुक-ईस्ट नीति के तहत पहले ब्रुनेई, फिर सिंगापुर की यात्रा पर पहुँचे। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत और सिंगापुर के बीच 4 अहम समझौते हुए। इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “हम भी भारत में अनेक सिंगापुर बनाना चाहते हैं और हमें खुशी है कि हम इस दिशा में मिलकर कोशिश कर रहे हैं। हमारे बीच जो मंत्रियों की राउंड टेबल की बनी है, वो एक पाथ ब्रेकिंग मैकेनिज्म है। डिजिटलाइजेशन, मोबिलिटी और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में सहयोग की दिशा में इनिशिएटिव की पहचान बन गई है।”
सिंगापुर दौरे पर पीएम मोदी ने इस दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “हम भारत में कई सिंगापुर बनाना चाहते हैं।” उनका यह बयान न केवल भारत के विकास की दिशा में एक बड़ा संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार देश को एक वैश्विक तकनीकी और आर्थिक हब के रूप में उभरते हुए देखना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग के साथ सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की अग्रणी सिंगापुरी कंपनी एईएम का दौरा किया। उन्हें वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य सीरीज में एईएम की भूमिका, इसके संचालन और भारत के लिए योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।
भारत में “कई सिंगापुर” बनाने का सपना
सिंगापुर अपनी उन्नत अवसंरचना, समृद्ध अर्थव्यवस्था और बेहतरीन शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है। पीएम मोदी के लिए “कई सिंगापुर” बनाने का सपना भारत के शहरों और औद्योगिक केंद्रों को वैश्विक मानकों पर खड़ा करना है। यह सपना केवल शहरी विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें उद्योग, तकनीकी नवाचार, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में व्यापक सुधार शामिल हैं। पीएम मोदी का यह विचार भारत के हर क्षेत्र को उन्नत और आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित है। सिंगापुर की तर्ज पर भारत के बड़े शहरों में वैश्विक स्तर की अवसंरचना और सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे रोजगार, नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा, “मैं आपके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद यह हमारी पहली मुलाकात है। मेरी तरफ से आपको बहुत-बहुत बधाई। मुझे विश्वास है कि 4G के नेतृत्व में सिंगापुर और भी तेजी से प्रगति करेगा। सिंगापुर सिर्फ एक देश नहीं है, सिंगापुर हर विकासशील देश के लिए प्रेरणा है। हम भारत में भी कई सिंगापुर बनाना चाहते हैं और मुझे खुशी है कि हम इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। हमारे बीच जो मंत्रिस्तरीय गोलमेज बैठक हुई है, वह एक पथ-प्रदर्शक व्यवस्था है।”
#WATCH | Singapore: Prime Minister Narendra Modi says "I thank you for your warm welcome. This is our first meeting after you assumed the post of Prime Minister. Many congratulations to you from my side. I am confident that under the leadership of 4G, Singapore will progress even… pic.twitter.com/m4S6BfDWwa
— ANI (@ANI) September 5, 2024
भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग ईकोसिस्टम विकसित करने के प्रयासों और इस क्षेत्र में सिंगापुर की ताकत को देखते हुए, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने का फैसला लिया है। भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज की दूसरी मीटिंग के दौरान, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए सेमीकंडक्टर पर ध्यान केंद्रित करते हुए एडवांस मैन्युफैक्चरिंग को एक पिलर के रूप में जोड़ने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने भारत-सिंगापुर सेमीकंडक्टर ईकोसिस्टम साझेदारी पर समझौता ज्ञापन भी पूरा किया है।
पीएम नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “मेरे दोस्त प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ आज भी चर्चा जारी रही। हमारी बातचीत कौशल, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, एआई और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित रही। हम दोनों ने व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने की जरूरत पर सहमति व्यक्त की है।”
The discussions with my friend, PM Lawrence Wong continued today. Our talks focused on boosting cooperation in areas like skilling, technology, healthcare, AI and more. We both agreed on the need to boost trade relations. @LawrenceWongST pic.twitter.com/FOSxXQOI3u
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2024
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री: नई आर्थिक क्रांति की शुरुआत
भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का विकास पीएम मोदी की “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” योजनाओं का अहम हिस्सा है। सेमीकंडक्टर, जिसे तकनीकी दुनिया की रीढ़ कहा जाता है, आधुनिक उपकरणों जैसे स्मार्टफोन, कंप्यूटर, और यहां तक कि ऑटोमोबाइल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का विकास न केवल भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह देश को वैश्विक प्रौद्योगिकी आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगा।
पीएम मोदी का यह मानना है कि भारत को सेमीकंडक्टर के निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बनाकर देश को वैश्विक स्तर पर एक नया पहचान दिलाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सेमीकंडक्टर निर्माण का विस्तार भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और इसे तकनीकी विकास के नए युग में प्रवेश करने में मदद करेगा। इसके साथ ही, भारत अब सेमीकंडक्टर चिप निर्माण के लिए एक वैश्विक हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसका लक्ष्य है कि भारत की सेमीकंडक्टर उत्पादन क्षमता को 2030 तक वैश्विक बाजार में मजबूत प्रतिस्पर्धा के रूप में स्थापित किया जाए। इस दिशा में कई कंपनियां पहले ही भारत में अपने उत्पादन केंद्र खोल चुकी हैं, और यह सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है।
पीएम मोदी का “कई सिंगापुर” बनाने का विचार केवल मेट्रोपॉलिटन शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य है कि देश के हर हिस्से में विकास की रोशनी पहुँचाई जाए। प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि भारत के हर राज्य में सिंगापुर जैसे उन्नत शहरों के विकास के लिए योजनाएँ बनाई जा रही हैं। इन नए शहरों में आधुनिक अवसंरचना, स्मार्ट सिटी सुविधाएं, और तकनीकी उद्योगों का विकास होगा, जिससे न केवल शहरी इलाकों का विकास होगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटने में मदद मिलेगी।
पीएम मोदी का विज़न केवल घरेलू सुधारों तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका लक्ष्य है कि भारत वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख भूमिका निभाए। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के विकास के साथ भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण स्थान मिलने की उम्मीद है। इससे न केवल भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि देश की वैश्विक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। भारत अब वैश्विक निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए एक आकर्षक स्थल बनता जा रहा है, जहां तकनीकी विकास और नवाचार के अवसर हैं। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में भारत के कदम से यह सुनिश्चित होगा कि देश वैश्विक तकनीकी परिदृश्य में अग्रणी बने और अपनी स्थिति को और सशक्त बनाए।
पीएम मोदी का “कई सिंगापुर” बनाने का विज़न और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का विकास भारत को एक नई ऊँचाई पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सेमीकंडक्टर उत्पादन न केवल देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और वैश्विक स्तर पर भारत की साख मजबूत होगी। देश को सिंगापुर जैसी आधुनिक और उन्नत शहरी सुविधाओं से सुसज्जित करने का पीएम मोदी का सपना भारत को एक नई दिशा देगा, जहाँ न केवल तकनीकी विकास होगा, बल्कि समग्र आर्थिक और सामाजिक सुधारों को भी गति मिलेगी।