प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना तुर्की दौरा रद्द कर दिया है। तुर्की द्वारा जम्मू कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने के बाद भारत ने अपनी विदेश नीति में बड़ा बदलाव करते हुए तुर्की की आलोचना की थी। तुर्की लगातार कुर्दिश और सीरिया के लोगों की हत्या कर रहा है, जिसकी भारत ने आलोचना की थी। भारत ने कुर्द की स्वतंत्रता का समर्थन किया था। साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति से मुलाक़ात कर उसकी सम्प्रभुता को समर्थन दिया था। बता दें कि तुर्की ने साइप्रस के एक बड़े भाग पर कब्ज़ा कर रखा है। पीएम मोदी का तुर्की दौरा रद्द होने से वहाँ के राष्ट्रपति रेसेप तैयब अर्दोगान को करारा झटका लगा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिन के दौरे पर तुर्की जाने वाले थे लेकिन वहाँ के राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में अनुच्छेद 370 निरस्त करने के ख़िलाफ़ दिए गए बयान को भारत ने गंभीरता से लिया है क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है। यहाँ तक कि एफएटीएफ (फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स) की पेरिस में आयोजित बैठक में भी तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया। इससे पहले तुर्की, चीन और मलेशिया के समर्थन के कारण ही पाकिस्तान एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट होने से बच गया था।
Narendra Modi will not go ahead with a planned visit to Ankara this year to show displeasure over the Turkish President’s comments on India revoking autonomy of Kashmir, reports say https://t.co/1jrcUgmxLd
— Bloomberg (@business) October 20, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर 27-28 को सऊदी में एक बड़े निवेश समिट में भाग लेने जा रहे हैं। वो वहीं से तुर्की जाने वाले थे। हालाँकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इस दौरे को अभी तक अंतिम रूप दिया ही नहीं गया था, इसीलिए दौरा कैंसल करने वाली बात उठती ही नहीं। पीएम मोदी इससे पहले 2015 जी-20 समिट में भाग लेने तुर्की गए थे। तुर्की के राष्ट्रपति भी जुलाई 2018 में भारत दौरे पर आए थे। लेकिन, तुर्की के राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर में ‘भारत द्वारा मानवाधिकार हनन’ की बातें कर के दोनों देशों के रिश्तों में खटास ला दी।
We call upon Turkey to exercise restraint and respect the sovereignty and territorial integrity of Syria.
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) October 10, 2019
We urge the peaceful settlement of all issues through dialogue and discussion.https://t.co/HuIzEYGbof
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी तुर्की की आलोचना की थी। तुर्की की राष्ट्रपति को भेजे गए एक अजीबोगरीब पत्र में उन्होंने धमकी दी थी कि अगर वो एक डील पर सहमत न हुए तो तुर्की की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया जाएगा। भारत ने भी तुर्की को लताड़ लगाते हुए सलाह दी थी कि जम्मू कश्मीर पर बिना परिस्थितियों को समझे किसी देश के पूर्णरूपेण आंतरिक मुद्दे पर नकारात्मक टिप्पणी करना सही नहीं है। हालाँकि, तुर्की ने कुर्द पर बमबारी का सिलसिला अभी रोका नहीं है और वहाँ के राष्ट्रपति को कई हत्याओं का जिम्मेदार माना जा रहा है।