बांग्लादेश में हिन्दुओं, उनके मंदिरों और प्रतिष्ठानों पर इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले का दौर जारी है। पहले दुर्गा पूजा के दौरान कई पंडालों को तबाह कर दिया गया, उसके बाद इस्कॉन के परिसर में घुस कर भक्तों के साथ मारपीट की गई। अब तक आधा दर्जन से अधिक हिन्दू मारे जा चुके हैं। इसी बीच भारत में रह रहीं बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस घटना की तुलना पैगम्बर मुहम्मद के समयकाल से की है।
तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर लिखा, “पैगम्बर मुहम्मद ने काबा में पेगन समुदाय की 360 मूर्तियों को खंडित कर दिया था। उनका अनुसरण करने वाले उनके ही नक्शेकदम पर चल रहे हैं।” सुधारवादी लेखिका ने कहा कि बांग्लादेश में जिहाद रोकने का उपाय है कि सभी मदरसों, मस्जिदों, वाज़ महफ़िलों और इज्तेमा को पूर्णरूपेण बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में दो ही तरह के मुस्लिम होते हैं – जिहादी और प्रो जिहादी।
‘खान एकेडमी’ पर प्रकाशित इस्लाम के इतिहास के अनुसार, पैगम्बर मोहम्मद को सन् 620 में मक्का से बाहर निकाल दिया गया था और उन्होंने यथ्रीब में शरण ली थी। उसे ही आज मदीना के नाम से जानते हैं। 629-30 ईश्वी में उनकी वापसी के बाद ये जगह इस्लाम की एक पवित्र स्थल बन गई। इस्लामी युग से पहले काबा में काला पत्थर और पेगन समुदाय की कई मूर्तियाँ थीं। इसमें लिखा है कि पैगम्बर मुहम्मद ने काबा को इन मूर्तियों से ‘साफ़’ कर दिया।
Mohammad destroyed 360 idols of pagans inside Kaaba. His followers have been following in his footsteps.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 17, 2021
इसमें ये भी बताया गया है कि मूर्तियों से काबा को ‘साफ’ कर के पैगम्बर मुहम्मद ने ‘इब्राहिम के एकेश्वरवाद’ की स्थापना की। माना जाता है कि एंजेल गेब्रियल ने उस काले पत्थर को इब्राहिम को दिया था और इसीलिए इस्लाम में उसका विशेष महत्व है। पैगम्बर मुहम्मद अपने निधन के समय सन् 632 में अंतिम बार मक्का आए थे। आज भी दुनिया भर के मुस्लिम हज के लिए मक्का-मदीना की यात्रा करते हैं।
‘द मॉर्गन’ पर उस तस्वीर का विवरण दिया गया है, जिसमें पैगम्बर मुहम्मद के दादा काबा के उस पत्थर के सामने सिर झुका रहे हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे पैगम्बर मुहम्मद से पहले काबा में 360 मूर्तियाँ हुआ करती थीं, लेकिन पैगम्बर मुहम्मद ने उन सभी को तोड़े जाने का आदेश दिया। तस्लीमा नसरीन ने इसी घटना को याद करते हुए आज बांग्लादेश में खंडित की जा रही प्रतिमाओं से जोड़ा है।
बता दें कि हाल ही में
बांग्लादेश के नोआखाली इलाके में जुमे की नमाज के बाद 200 कट्टरपंथियों की भीड़ ने हिंदुओं के इस्कॉन मंदिर पर हमला कर इस्कॉन श्रद्धालु पार्थ दास की बर्बरता से हत्या कर दी। इस्कॉन ने अपने बयान में बताया कि पार्थ का शव मंदिर के पास तालाब में तैरता मिला। वहीं इस्कॉन से जुड़े राधारमण दास ने ट्वीट कर बताया कि पार्थ को बुरी तरह से पीटा गया था कि जब उनका शव मिला तो शरीर के अंदर के हिस्से गायब थे।