Friday, November 15, 2024
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‘मौलवी नहीं चाहते महिलाओं को अधिकार मिले’ : ईरान में उग्र हुआ हिजाब विरोधी प्रदर्शन, पुलिस ने 8 को गोली मारी, हजारों गिरफ्तार

ईरान सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे लोगों ने चेतावनी दी है कि सरकार मौलवियों के भरोसे ज्यादा दिन नहीं टिकने वाली। इसी प्रदर्शन में ये भी कहा जा रहा है कि मौलवी नहीं चाहते कि ईरान की महिलाओं को उनका अधिकार मिले।

इस्लामी मुल्क ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन ने गुरुवार (21 सितम्बर 2022) तक देशव्यापी रूप ले लिया। उग्र हो चला ये प्रदर्शन अब 15 अलग-अलग शहरों में फैल चुका है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और जनता के बीच भिड़ंत भी हो रही है। बताया जा रहा है कि अब तक कुल 8 प्रदर्शनकारी पुलिस की गोली का शिकार हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर हजारों लोगों की गिरफ्तारी की भी खबर है। प्रदर्शनकारी ईरान सरकार से हिजाब को अनिवार्य के बजाए वैकल्पिक बनाने की माँग कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 1 हजार से अधिक प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए हैं। प्रदर्शनकारी मौलवियों के खिलाफ नारे बुलंद करते हुए उन पर आँख मूँद कर बैठने का आरोप लगा रहे हैं। सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे लोगों ने चेतावनी दी है कि सरकार मौलवियों के भरोसे ज्यादा दिन नहीं टिकने वाली। इसी प्रदर्शन में ये भी कहा जा रहा है कि मौलवी नहीं चाहते कि ईरान की महिलाओं को उनका अधिकार मिले।

पुलिस के विरोध में ईरान में गरशाद ऐप लॉन्च

हिजाब विरोधी प्रदर्शन में महिलाओं की भारी तादाद है। उनका कहना है कि हिजाब के कारण उन्हें जान क्यों गँवानी पड़े ? प्रदर्शनकारी महिलाओं के समर्थन में ईरान के युवाओं ने गरशाद नाम का एक ऐप भी शुरू किया है। इस ऐप में मोरल पुलिसिंग का विरोध किया गया है। मात्र 5 दिनों में ये ऐप 10 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड हो चुका है।

बताया जा रहा है कि इसी ऐप के तहत प्रदर्शनकारी सीक्रेट मैसेज भेज रहे हैं। ईरान सरकार ने राजधानी तेहरान में इंटरनेट बंद करवा दिया है और इसी के साथ वहाँ इन्स्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को भी ब्लॉक कर दिया गया है। फिलहाल इस पूरे हंगामे पर ध्यान न देते हुए ईरान के सबसे बड़े मजहबी नेता अयातुल्लाह अयातुल्ला खामेनेई ने बुधवार (21 सितम्बर 2022) को अपनी सभा में हिजाब का जिक्र तक नहीं किया।

ईरान में महसा अमिनी की हत्या

गौरतलब है कि ईरान में हिजाब न पहनने के कारण पुलिस हिरासत में ली गई एक महिला महसा अमिनी की मौत हो गई थी, जिसके बाद हजारों की संख्या में महिलाएँ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इन महिलाओं ने इस्लामी मुल्क के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई को तानाशाह बताते हुए उसकी मौत की भी दुआ की और इससे संबंधित पोस्टर लहराए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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