भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) रविवार (5 जून, 2022) को कतर पहुँचे। यहाँ उन्होंने कतर (Qatar) के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री शेख खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुल अजीज अल सानी (Sheikh Khalid bin Khalifa bin Abdulaziz Al Thani) से मुलाकात की। इस दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भारत-कतर बिजनेस फोरम में भारत-कतर स्टार्टअप ब्रिज का शुभारंभ किया।
नई पहल भारत और कतर के स्टार्टअप इकोसिस्टम को जोड़ेगी और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को आगे ले जाने में मदद करेगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, नायडू ने भारत-कतर के मजबूत संबंधों पर बात की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आपसी लाभ के लिए, दोनों देशों को एक-दूसरे को सहयोग करना बेहद जरूरी है। नायडू और शेख खालिद ने इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की और व्यापार, निवेश, आर्थिक, सुरक्षा सहयोग समेत द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।
उपराष्ट्रपति ने इस बात की भी सराहना की कि मार्च, 2020 से भारत में कतर का निवेश पाँच गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा, “यह अभी भी क्षमता से काफी कम है इसे और बढ़ाया जा सकता है।”
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “लोगों का आपसी संपर्क भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक रिश्ते के केंद्र में हैं। कतर में 7,50,000 से अधिक भारतीय हैं। दोनों पक्षों के बीच बहुआयामी सहयोग ने आर्थिक, ऊर्जा, निवेश, शिक्षा, रक्षा और सांस्कृतिक रिश्तों में अहम वृद्धि देखी है। नायडू ने कहा कि 2021-22 के दौरान भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय व्यापार 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है (1.167 लाख करोड़ रुपए)। व्यापार में ऊर्जा का बोलबाला है। हमारा ध्यान अब व्यापार का विस्तार और विविधता लाने पर है। कतर में 15,000 से अधिक भारतीय व्यवसाय रजिस्टर्ड हैं।
इस अवसर पर नायडू ने कतर में एक प्रार्थना कक्ष और एक श्मशान के लिए भारतीय समुदाय के लंबे समय से किए जा रहे अनुरोध को भी दोहराया। उन्होंने उल्लेख किया कि कतर केवल उच्चतम प्रति व्यक्ति आय वाले देशों में ही नहीं है, बल्कि विश्व में शीर्ष गैस आपूर्तिकर्ता भी है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे कतर के अपनी विकास यात्रा में उठाए जा रहे कदमों से बहुत प्रभावित हैं।
उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि भारत को पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में कतर के साथ काम करने में भी प्रसन्नता होगी। हमारी लगभग 40 फीसदी गैस जरूरतें कतर से पूरी होती हैं, इसका उल्लेख करते हुए नायडू ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा में कतर की भूमिका को काफी महत्व देता है और खरीदार-विक्रेता संबंधों से आगे बढ़कर एक व्यापक ऊर्जा साझेदारी में आगे बढ़ने की जरूरत को रेखांकित करता है।