Wednesday, June 26, 2024
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हनीमून मनाकर लौट रहे थे रुपिन कात्याल, जहूर इब्राहिम ने चाकुओं से गोद दिया था: अब खुद मारा गया, आतंकियों ने अगवा किया था विमान

रुपिन की हत्या मामले में दिल्ली में एक एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसके मुताबिक उनके पेट पर चाकू के घाव थे, छाती पर चाकू मारा गया था, गर्दन पर चाकू चलाया गया था और गले की नस भी कटी हुई थी। इसके अलावा चेहरे पर छूरा के छह घाव और नाक टूटी हुई थी।

पाकिस्तान के कराची में अज्ञात हमलावरों के हाथों 1 मार्च को आतंकी जहूर मिस्त्री इब्राहिम उर्फ जमाली मौत के घाट उतार दिया गया। उसकी हत्या की खबर भारतीय मीडिया में एक हफ्ते लेट आई लेकिन जैसे ही इसका पता चला वैसे ही रुपिन कात्याल को इंसाफ मिलने की बातें शुरू हो गईं। रुपिन कात्याल वही व्यक्ति हैं जिन्हें इस आतंकी ने इंडियन एयरलाइंस के प्लेन आईसी-814 को हाईजैक करने के दौरान बेरहमी से मार डाला था। 

घटना 25 दिसंबर 1999 की है जब जहूर मिस्त्री इब्राहिम ने रुपिन कात्याल को धारधार हथियार से उस वक्त मारा जब वो अपने हनीमून से लौट रहे थे। रुपिन उस दिन उसी प्लेन में अपनी पत्नी के साथ थे जो पाकिस्तानी दहशतगर्दों ने तीन आतंकियों को छुड़ाने के लिए हाईजैक किया था। 

वे दोनों काठमांडू से दिल्ली आ रहे थे। मगर, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। प्लेन में कुल 178 यात्री थे। जिनमें से आतंकियों ने रुपिन को अपना निशाना बनाया। पूरे घटना में एक सतनाम सिंह भी घायल हुए थे। लेकिन बाद में सतनाम को बचा लिया गया और रुपिन के साथ हुई निर्ममता के कारण उन्होंने वहीं दम तोड़ दिया। रुपिन के जाने के कुछ सालों बाद खबर आई कि ससुरालावलों ने उनकी पत्नी को बेटी बनाकर अलग ब्याह दिया। मगर, ये सवाल हमेशा उठता रहा कि आखिर रुपिन को इंसाफ कब मिलेगा।

रुपिन के साथ हुई बर्बरता

रुपिन के साथ हुई बर्बरता को लेकर विमान के कैप्टेन डी शरण ने एक बताया था, “विमान में ईंधन भरने में देरी से नाराज उन दहशतगर्दों ने रुपिन को चाकू मारा। उस भयानक क्रिसमस की रात 25 वर्षीय हनीमून से लौटे शख्स ने काठमांडू में किसी यात्री द्वारा खरीदे गए उस कंबल में अपनी आखिरी सांस ली, जिसे कात्याल के खून से लथपथ शरीर पर फेंक दिया गया था। उन्हें जब तक होश था वह दोहरा रहे थे- पापा पानी, पापा पानी।”

इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली में एक एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसके मुताबिक उनके पेट पर चाकू के घाव थे, छाती पर चाकू मारा गया था, गर्दन पर चाकू चलाया गया था और गले की नस भी कटी हुई थी। इसके अलावा चेहरे पर छूरा के छह घाव और नाक टूटी हुई थी।

2 हाईजैकर अब भी जिंदा

जानकारी के लिए बता दें कि रुपिन की हत्या में शामिल जहूर के साथ जो अन्य आतंकी थे। उनमें से अब सिर्फ दो ही जिंदा हैं। माना जाता है कि एक हाईजैकर तो स्वभाविक कारणों के चलते मर गया था। वहीं एक को 13 दिसंबर 2001 को संसद में हुए हमले के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। इनमें एक मसूद अजहर का बड़ा भाई इब्राहिम अजहर है और दूसरा रॉफ असगर। कहा जा रहा है कि जहूर मिस्त्री के शव यात्रा  में जैश-ए-मोहम्मद के बड़े आतंकी शामिल हुए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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