यूक्रेन औऱ रूस के बीच हो रहे महायुद्ध (Russia-Ukraine War) का शुक्रवार (4 मार्च 2022) को नौवाँ दिन है। रूसी आर्मी एक-एक कर यूक्रेन के अहम प्रतिष्ठानों पर या तो कब्जा कर रही है या फिर बमबारी कर उन्हें तबाह कर दे रही है। चेर्नोबिल परमाणु प्लांट के बाद अब रूसी सेना ने यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पॉवर प्लांट जपोरिजिया प्लांट पर कब्जा कर लिया है। रूसी सेना की बमबारी के बाद वहाँ आग लगी हुई है और इसकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
Russian military forces have seized the Zaporizhzhia nuclear power plant in Ukraine’s southeast, a local authority said on Friday: Reuters #RussiaUkraineCrisis
— ANI (@ANI) March 4, 2022
इस घटना के बाद से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है। सभी को ये डर सता रहा है कि दुर्भाग्य से कहीं इस प्लांट में विस्फोट हुआ तो पूरे यूरोप में तबाही मच जाएगी। इस न्यूक्लियर प्लांट में 6 यूनिट हैं, जो इसे यूरोप का सबसे बड़ा पॉवर प्लांट बनाती हैं। यह दुनिया का नौवाँ सबसे बड़ा न्यूक्लियर प्लांट है। यह प्लांट यूक्रेन के दक्षिण में एनेर्होदर शहर में स्थित है। इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अधिकारियों ने यूक्रेन से संपर्क किया है।
वहीं जपोरिजिया परमाणु संयंत्र पर रूसी कब्जे के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने एक बार फिर यूरोपीय यूनियन से रूस के हमले को रोकने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा किया कि रूस दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने परमाणु संयंत्र में आग लगाई है। जेलेंस्की रूस को आतंकवादी देश बताया और कहा कि यूरोप की तत्काल कार्रवाई ही अब रूसी सेना को रोक सकती है।
जेलेंस्की ने कहा, “यूक्रेन में कुल 15 एटॉमिक रिएक्टर हैं। इनमें विस्फोट हुआ तो सब कुछ तबाह हो जाएगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि पुतिन चेर्नोबिल हादसे को दोहराना चाहते हैं। आशंका जताई जा रही है कि रूस यूक्रेन के सभी परमाणु संयंत्रों पर कब्जा करना चाहता है।
क्या है चेर्नोबिल त्रासदी
सोवियत संघ के दौर में आज से करीब 36 वर्ष पहले 26 अप्रैल 1986 में चेर्नोबिल स्थित न्यूक्लियर पॉवर प्लांट में भीषण धमाका हुआ था। इससे वहाँ काम करने वाले 32 कर्मचारियों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग जल गए। इसके बाद रेडिएशन की चपेट में आने के कारण हजारों लोगों की मौत हो गई। रूस, बेलारूस और यूक्रेन के करीब 50 लाख लोग रेडिएशन की चपेट में आए थे। वहीं 30 किलोमीटर का क्षेत्र 20,000 सालों के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 तक चेर्नोबिल रेडिएशन के कारण रूस, यूक्रेन और बेलारूस में करीब 20,000 लोगों की मौत थायराइड के कैंसर के कारण हुई थी। इससे 2.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
गौरतलब है कि जपोरिजिया परमाणु पॉवर प्लांट, चेर्नोबिल परमाणु प्लांट से कई गुना बड़ा है। अगर यहाँ पर किसी भी तरह का धमाका होता है तो इससे न केवल यूक्रेन और उसके आसपास के देश प्रभावित होंगे, बल्कि इसका असर पूरी दुनिया में देखा जाएगा।