बांग्लादेश के नेतरकोना जिले के मोहनगंज में 26 जनवरी, 2023 की रात इस्लामी कट्टरपंथियों ने सरस्वती पूजा पंडाल पर हमला कर माता की प्रतिमा को खंडित कर दिया। बताया जा रहा है कि फोटो और वीडियो बनाने को लेकर हुई बहस के बाद 9-10 लोगों ने पंडाल पर हमला कर दिया। मामले में पुलिस ने अब तक 6 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक घटना मोहनगंज के नाराइच गाँव की बताई जा रही है। नाराइच विलेज यूथ एसोसिएशन के अंतर सरकार के मुताबिक बसंत पंचमी की रात करीब 9.30 बजे कुछ इस्लामी कट्टरपंथी पूजा पंडाल में आ धमके। उस वक्त माता सरस्वती की आरती की जा रही थी। कट्टरपंथी पूजा में व्यवधान उत्पन्न करने लगे। आरती के बीच फोटो और वीडियो बनाने लगे। पूजा कमिटी के लोगों ने जब ऐसा करने से मना किया तो उन्होंने तोड़-फोड़ शुरू कर दी। माता सरस्वती की प्रतिमा पर भी हमला कर उसे खंडित कर दिया गया।
इस हमले में हृदय विश्वास और शयन सरकार नाम के दो अल्पसंख्यक हिंदू गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें इलाज के लिए मोहनगंज स्थित उपजिला अस्पताल ले जाया गया। रूबेल सरकार नाम के हिंदू ने मोहनगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई है। हमले और मूर्तियों को तोड़ने के मामले में पुलिस ने अब तक अनन मियाँ, निशाद, फारूक मियाँ, सबीकुल मियाँ, एसएम मुन्ना खान और अपू मियाँ समेत 6 इस्लामी कट्टरपंथियों को गिरफ्तार किया है। सभी पास के हटनैया गाँव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पुलिस बाकी के हमलावरों की तलाश कर रही है।
Idols, Pratima are Haram in Islam, so there will be no idols, pratima in a Muslim country. That’s why vandalizing idols before Saraswati Puja has started in Bangladesh with this slogan. pic.twitter.com/kMGJpMIeew
— International Hindu Voice (@ih_voice) January 25, 2023
बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमा खंडित करने या अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले की खबरें आए दिन आती रहती हैं। इसी साल 23 जनवरी को अकरम नाम के शख्स ने नेतरकोना जिले के पूरबधाला बाजार इलाके में देवी सरस्वती की कई मूर्तियों को तोड़ दिया था। सीसीटीवी कैमरे से उसकी पहचान हो सकी थी। महीने की शुरुआत में बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस ने जानकारी दी थी कि जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 के बीच देश में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों में हिंदुओं समेत 154 अल्पसंख्यक मारे गए थे।