पाकिस्तान के सिंध में एक और लड़की के जबरन इस्लाम कबूल कराने का मामला सामने आया है। ये घटना सिंध के नयनकोट क्षेत्र स्थित शाह लतीफ़ कॉलनी में गुरुवार (जून 4, 2020) को हुई। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, वहाँ के कुछ युवक हथियारों के साथ जबरन पीड़ित युवती के घर में घुस गए और उसका अपहरण कर लिया। पीड़िता का नाम प्रियंका कुमारी है, जिसके परिवार को बन्दूक की नोंक पर धमकाया गया।
प्रियंका कुमारी के परिवार द्वारा दिए गए बयान के अनुसार, कलीम शाह अपने हथियारबंद दोस्तों के साथ आया और प्रियंका को अगवा कर के ले गया। पिछले एक सप्ताह में पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में सातवीं ऐसी घटना है, जहाँ किसी हिन्दू लड़की का इस तरह से जबरन इस्लामी धर्मान्तरण के लिए अपहृत कर लिया गया। अधिवक्ता और एक्टिविस्ट राहत ऑस्टिन ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया। अब तक सिंध पुलिस का इस मामले में कोई बयान नहीं आया है।
इससे पहले (सोमवार) को सिंध में तीन हिन्दू लड़कियों का अपहरण करके उनका जबरन इस्लामी धर्मान्तरण कर दिया गया था और साथ ही जबरदस्ती निकाह भी करा दिया गया था। 24 घंटे के भीतर तीन अलग-अलग जगहों से ये घटनाएँ सामने आई थीं। इनमें से दो मामले तांडो मोहम्मद खान जिले से आए थे। वहाँ मजहबी युवकों ने शिवानी नाम की हिन्दू लड़की का अपहरण किया था। इसके बाद संतारा नाम की एक 15 वर्षीय नाबालिग का भी अपहरण किया गया।
इन दोनों को एक मौलवी द्वारा इस्लाम कबूल करवाया गया और साथ ही युवकों से इनका निकाह भी करा दिया गया। इनमें से तीसरा मामला मीरपुरखास का था। वहाँ भी भगवंती नाम की एक हिन्दू युवती का जबरन इस्लाम में धर्मान्तरण करा के एक युवक के साथ निकाह करा दिया गया। भगवंती के पिता को स्थानीय कट्टरपंथियों ने धमकी थी कि अगर उन्होंने अपनी बेटी को वापस लाने के लिए किसी भी प्रकार का प्रयास किया तो उसे मार डाला जाएगा।
A Hindu girl Aisha D/o Kirshan Megwad is converted to Islam at Dargah of Ayoub Jan sharhandi of Samaro, Mirwah Gorchani Mirpurkhas Sindh-Pakistan.
— Rahat Austin (@johnaustin47) June 3, 2020
2-6-2020 https://t.co/7QQXn0YSD9
भगवंती के पिता ने बताया कि स्थानीय लोगों ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि एक बार अगर किसी ने इस्लाम अपना लिया तो फिर उसके द्वारा दोबारा फिर पुराने धर्म को स्वीकार करने का एक ही दंड है और वो है सज़ा-ए-मौत। इसी जिले में आयशा नाम की एक युवती के साथ भी इसी तरह का व्यवहार किया गया। उसके पिता कृष्ण मेघवाड ने बताया कि समारो के अयूब जन सरहंदी दरगाह पर जबरन ले जाकर इस्लाम कबूल करा दिया गया।
ये घटना मिरवाह गोर्चानी इलाके में हुई। न सिर्फ हिन्दू बल्कि इसाई और सिख लड़कियों को भी पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर निशाना बनाया जा रहा है। कुछ लोगों का ये भी कहना है कि जिस तरह से ये घटनाएँ इतनी योजनाबद्ध तरीके से हो रही है, उसके पीछे कोई बड़ी साजिश भी हो सकती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक हितों की बात करते हैं, जो अब तक सिर्फ़ दिखावा ही साबित हुआ है।
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने 335 पन्नों की 2018 में मानवाधिकार की स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि अकेले 2018 में सिर्फ सिंध प्रांत में ही हिन्दू एवं ईसाई लड़कियों से संबंधित अनुमानित 1000 मामले सामने आए। इस रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान सरकार ने इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की थी।