पड़ोसी देश बांग्लादेश के आम चुनाव के नतीजे साफ हो गए हैं। सत्ताधारी आवामी लीग एक बार फिर बांग्लादेश में वापसी कर रही है। इसकी सुप्रीमो शेख हसीना पाँचवी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं। 350 सीटों वाली बांग्लादेशी संसद में आवामी लीग ने बहुमत का आँकड़ा पार कर लिया है। इन चुनावों में बांग्लादेश के क्रिकेट खिलाड़ी शाकिब अल हसन ने भी जीत हासिल की है। वह सत्ताधारी आवामी लीग से ही चुनाव लड़ रहे थे।
इन चुनावों के लिए मतदान 7 जनवरी, 2024 को करवाया गया था। इसके तुरंत बाद ही मतगणना चालू हो गई। अब तक की मतगणना में शेख हसीना की आवामी पार्टी 190 से अधिक सीटों पर आगे है। प्रधानमंत्री शेख हसीना भी गोपालगंज-3 सीट से भारी मतों से जीत गई हैं। वहीं लगभग 50 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीतते दिख रहे हैं।
जातीय पार्टी बांग्लादेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभर रही है। जातीय पार्टी को अब तक लगभग 11 सीटों पर बढ़त मिल रही है। बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी मानी जाने वाली बांग्लादेश नेशनल पार्टी ने इन चुनावों का बहिष्कार किया था। इससे पहले 2019 में बांग्लादेश में चुनाव हुए थे, जिसमें शेख हसीना की आवामी लीग को 350 में से 306 सीट मिलीं थी।
बांग्लादेशी क्रिकेट खिलाड़ी शाकिब अल हसन ने मागुरा-1 सीट से जीत हासिल की है। उन्होंने इस चुनाव में अपने निकट प्रतिद्वंदी को 1.5 लाख से अधिक मतों से हराया। वह चुनाव से कुछ दिन पहले ही आवामी लीग में शामिल हुए थे। हालाँकि, वह क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे।
बांग्लादेश चुनावों को देखने आए विदेशी आब्जर्वर ने भी इनकी प्रशंसा की है। उन्होंने इन चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष बताया है। इस बार बांग्लादेश के चुनावों में 40% मतदान हुआ है। हालाँकि, इसके पीछे मतदान के समय में कमी को कारण माना जा रहा है।
बांग्लादेश के इस बार के चुनाव पर पूरी दुनिया की नजरें थी। अमेरिका ने कई बार अपने क़दमों से दिखाया था कि वह अब आगे और शेख हसीना को सत्ता में नहीं देखना चाहता है। जबकि भारत, चीन और रूस जैसे देश बांग्लादेश से रिश्तों में स्थायित्व के लिए शेख हसीना को ही सही विकल्प मानते आए हैं।
शेख हसीना के यह चुनाव जीतने के साथ हीवह विश्व में सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली महिला प्रमुख बन गई हैं। वह 1996 से 2001 और फिर 2009 से लगातार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही हैं। उनके शासनकाल में बांग्लादेश में काफी विकास हुआ है। उन्होंने बांग्लादेश को काफी तेज आर्थिक विकास दर दिलाने में सफलता पाई है।
भारत से रिश्तों में भी शेख हसीना के सत्ता में आने के बाद काफी बढ़ोतरी हुई है। शेख हसीना से पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही खालिदा जिया के समय में बांग्लादेश से भी आतंकी आने का खतरा भारत में बढ़ गया था। एक दो आतंकी संगठन भी बांग्लादेश में अपना बेस बना चुके थे। शेख हसीना के शासन के दौरान बंगलादेश और भारत ने कई विवाद सुलझाए हैं।
बांग्लादेश के इन आम चुनावों में हिंसा की भी छिटपुट घटनाएँ सामने आई हैं। हालाँकि, किसी बड़े स्तर पर हिंसा नहीं हो पाई।