युद्धग्रस्त यूक्रेन (Russia-Ukraine War) से जब भारतीय छात्र-छात्राओं को रेस्क्यू किए जाने के दौरान ऐसी कई मामले सामने आए, जिनमें कुछ छात्र अपने कुत्ते और बिल्लियों को वहाँ छोड़कर भारत लौटने को राजी नहीं थे। वहाँ एक ऐसा भी भारतीय छात्र भी है, जिसने एक जगुआर (तेंदुआ की प्रजाति का जानवर) और एक तेंदुआ पाल रखा है और उसे छोड़कर लौटने को राजी नहीं है। एक ऐसी लड़की भी भारत लौट आई है, जिसने अपने पालतू कुत्ते के कारण 4 फ्लाइट छोड़ दी और जब कुत्ते के साथ लौटी तो अपना सामान ही वहीं छोड़ दिया।
आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के तनुकु के रहने वाले कुमार बंदी यूक्रेन के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक शहर डॉनबास (Donbas) में बमबारी और गोलियों से बचने के लिए बंकर में रह रहे हैं और उनके साथ ही ये दोनों जानवर भी हैं। वह 15 साल पहले यूक्रेन में MBBS की पढ़ाई करने के लिए गए थे और डॉक्टर बनने के बाद वहीं बस गए।
जानवरों से प्रेम के कारण उन्होंने बंगाल टाइगर या एशियाई बाघ को पालने की कोशिश की, लेकिन वहाँ के अधिकारियों ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद उन्होंने जगुआर पालने का लाइसेंस लेकर इन जंगली जानवरों को अपना पालतू बना लिया। उनका दावा है ये उनको पास मौजूद जगुआर की यह प्रजाति दुनिया की दुर्लभतम प्रजाति है और इनकी संख्या दुनिया भर में सिर्फ 21 है, जिनमें एक उनके पास है।
युद्ध छिड़ने के बाद वह भारतीय विद्यार्थियों को यूक्रेन से निकालने में उनकी मदद कर रहे हैं और उन्हें बॉर्डर तक छोड़ रहे हैं। लंबे समय तक रहने के कारण वहाँ के प्रशासन में उनकी गहरी पैठ हो गई है। वहाँ के लोगों ने उनसे भारत लौट जाने की सलाह दी। इसी बीच आंध्र प्रदेश के विपक्षी नेता चंद्रबाबु नायडू ने जूम कॉल पर उनसे संपर्क किया और भारत लौटने के आग्रह किया, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए आने से मना कर दिया कि उनके लौटने के बाद उनके दोनों पालतू जगुआर मर जाएँगे। बंदी का कहना है कि जब तक जिएँगे, इन जानवरों की वे रक्षा करेंगे और मरना होगा तो साथ मरेंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, बंदी तेलुगु के यूट्यूब ब्लॉगर हैं और भारत में रहने के दौरान उन्होंने चार तेलुगू फिल्मों में काम भी किया था, लेकिन वे रिलीज नहीं हो पाईं। हालाँकि, वे तमिल, तेलुगु और मलयाम भाषा के सीरियलों में अतिथि कलाकार के तौर पर काम कर चुके हैं। इतना ही नहीं, यूक्रेन की फिल्मों में भी वह काम कर चुके हैं।
कुत्ते के लिए 4 फ्लाइट छोड़ी
दूसरी ओर वह लड़की भारत लौट आई है, जिसने अपने पालतू कुत्ते के कारण 4 फ्लाइट छोड़ दी थी। इसके लिए उन्हें वहाँ अपना सामान छोड़ना पड़ा। मेडिकल (पाँचवी वर्ष) की छात्रा कीर्तना आखिरकार शनिवार (5 मार्च) को अपने पालतू कुत्ते ‘कैंडी’ के साथ चेन्नई पहुँच गई हैं।
तमिलनाडु के मयिलादुथुराई की रहने वाली कीर्तना का कहना है कि जब वह बिना कुत्ते के लौटने को राजी नहीं हुई तो दूतावास के अधिकारियों ने उन्हें फोन किया और कुत्ते के साथ आने की अनुमति दे दी, लेकिन यह भी कहा कि अगर कुत्ता लेकर जाती हैं तो उन्हें अपना सामान वहीं छोड़ना होगा। कीर्तना इसके तैयार हो गई और अपना सामान वहीं छोड़ दिया। इसके पहले भी कई छात्र अपने पालतू कुत्ते कारण फ्लाइट छोड़ चुके थे।
बता दें कि यूक्रेन से भारतीय छात्र-छात्राओं को लाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि संकटग्रस्त यूक्रेन से ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत अब तक 13,300 से अधिक लोग भारत लौट चुके हैं।