रूस-यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच खालिस्तान की एंट्री हो चुकी है। खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने बुधवार (2 मार्च 2022) को यूक्रेन के लिए समर्थन देने की घोषणा की। इसके साथ ही संगठन ने खालिस्तानियों से यूक्रेन की रक्षा के लिए विदेशी फाइटरों की एक सेना जुटाने का आग्रह किया। आतंकी संगठन ने यूक्रेन का समर्थन करते हुए एक वीडियो मैसेज और पत्र भी जारी किया। पत्र में उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति से विदेशी फाइटरों की अंतर्राष्ट्रीय सेना के हिस्से के रूप में एक सिख रेजिमेंट बनाने का आग्रह किया है।
UAPA के तहत एक नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पत्र में कहा कि भारत के विपरीत खालिस्तानी सिख ‘यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा’ के लिए तैयार हैं। पन्नू का कहना है कि भारत UNSC में मतदान से परहेज कर रहा है और युद्ध में रूस का सपोर्ट कर रहा है। उसने आगे दावा किया कि सिखों के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत विरोधी ब्लॉक’ का साथ देकर ‘पंजाब को मुक्त’ कराने का यह सही समय है।
वीडियो मैसेज में पन्नू ने यूक्रेनी राष्ट्रपति से एक विशेष सिख रेजिमेंट बनाने का आग्रह किया और पेशकश की कि खालिस्तानी सिख ‘स्वतंत्रता की लड़ाई’ में यूक्रेन की मदद करेंगे। उसने यूक्रेन के राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे पहले सिखों को स्वाधीनता में मान्यता दें और भारत से पंजाब की स्वतंत्रता के लिए पंथवादी जनमत संग्रह को मान्यता देते हुए आम सभा में एक प्रस्ताव पेश करें।
इसके अलावा पन्नू ने पिछले तीन दशकों में भारत का साथ देने के लिए नाटो और पश्चिमी देशों को दोषी ठहराया और यह कहकर उन्हें उकसाया कि यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई ‘पंजाब की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई’ में सिखों का समर्थन करने के लिए उचित समय है। उसने आगे कहा कि सिखों ने जैसे प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में पश्चिम के लिए लड़ाई लड़ी थी, वे इस युद्ध में भी उनके लिए लड़ेंगे, लेकिन इसके लिए पश्चिम को खालिस्तान के समर्थन में आगे आना पड़ेगा।
सिख फॉर जस्टिस और उसके प्रोपेगेंडा की लंबी फेहरिस्त
खालिस्तानी आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस का हर मुद्दे का इस्तेमाल कर अपना प्रोपेगेंडा फैलाने का लंबा इतिहास रहा है। संगठन ने अपना प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन का इस्तेमाल किया और समय-समय पर इसे आगे फैलाने में मदद करने वालों के लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की।
उसने पिछले साल गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर झंडा फहराने वाले को नकद इनाम देने की घोषणा की थी और ऐसा हुआ भी। इसके अलावा संगठन ने बुर्का विवाद में भी दखल दिया और अलग राष्ट्र उर्दूस्तान की माँग उठाने का आग्रह किया। जनवरी में उसके संगठन ने पंजाब में पीएम मोदी के काफिले को रोकने की जिम्मेदारी भी ली थी।