Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'पाकिस्तानी आतंकी इस्लाम के नाम पर युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं': आतंकी...

‘पाकिस्तानी आतंकी इस्लाम के नाम पर युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं’: आतंकी की विधवा ‘रजिया’ की आपबीती, कहा- भारत में बहुत खुश हूँ

रजिया ने बताया, "जब मैं पाकिस्तान से कश्मीर पहुँची तो पुलिस कस्टडी में चार दिन तक रखा गया। पहले दिन मैं डर रही थी कि एक आतंकी की बीवी होने के कारण मेरे साथ कैसा सुलूक होगा, लेकिन थाने में मेरा और मेरे बच्चों का बहुत अच्छे से खयाल रखा गया। भारत आए करीब 15 दिन हो गए हैं।"

ये कहानी है पाकिस्तान (Pakistan) से भारत लौटी एक आतंकी की बीवी ‘रजिया बीबी‘ की, जिसने भारत आने के बाद पाकिस्तान को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रजिया ने बताया कि पाकिस्तान ने किस तरह उसका इस्तेमाल किया और बाद में उसे बेसहारा छोड़ दिया। रजिया ने बताया कि भारत ने न केवल उसे स्वीकार किया, बल्कि उसका पुनर्वास (Rehabilitation) भी किया।

रिपब्लिक टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) के बांदीपोरा सेक्टर में जन्मी रजिया को बेहद छोटी उम्र (4 साल) में पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद ले जाया गया था। साल 2008 में उसका निकाह हिज्बुल मुजाहिदीन के एक आतंकी के साथ करवा दी गई। हालाँकि, उसका ये वैवाहिक जीवन अधिक दिनों तक गुलजार नहीं रह सका। दरअसल, भारतीय सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के दौरान 4 आतंकियों के साथ उसके शौहर को भी मार गिराया गया था।

रजिया ने बताया कि शौहर के मारे जाने के बाद पाकिस्तान सरकार की ओर से हर्जाने के तौर पर 30,000 दिए गए थे। इसके बाद खर्च चलाने के लिए उसे हर महीने कभी 10,000 तो कभी 12,000 रुपए दिए जाते थे। रजिया बताती हैं कि पाक सरकार के द्वारा जो पैसे उसे दिए जाते थे वो काफी नहीं थे। वो पैसे केवल कमरे के किराए और बच्चों की पढ़ाई में खर्च हो जाता था। बाकी के खर्चे के लिए उसे कभी-कभी पड़ोसियों के यहाँ बर्तन धोकर या कपड़े सिलकर निकालने पड़ते थे। कभी खाते थे, कभी भूखे रहते थे।

पाकिस्तान में अपने जीवन को लेकर रजिया ने कहा, “यह डरावना था, हर दिन मैं इस डर में रहती थी कि अगर मेरे पास अगले दिन अपने बच्चों को खिलाने के लिए कुछ नहीं बचेगा तो क्या होगा।” रजिया ने आगे कहा कि साल 2020 में पाकिस्तान सरकार ने उसे खर्चे के लिए मिलने वाले पैसे भी देने बंद कर दिए।

उसने कहा कि जब उसका पैसा रोक दिया गया तो उसे यह समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। रजिया ने कहा, “एकमात्र विकल्प भारत लौटना था। पैसे नहीं थे, लेकिन दोस्तों ने मदद की। इसके बाद हमने उड़ान भरी। हम पाकिस्तान से कतर गए और वहाँ से काठमाँडू के लिए फ्लाइट ली। इसके बाद नेपाल से दिल्ली होते हुए कश्मीर पहुँचे। भारत ने मुझे स्वीकार किया, मेरा पुनर्वास किया। अब मेरा परिवार यहाँ ठीक है। वे खुश हैं।”

रजिया ने ये भी बताया कि जब वह पाकिस्तान से कश्मीर पहुँची तो उसे पुलिस कस्टडी में चार दिन तक रखा गया। उसने कहा, “पहले दिन मैं डर रही थी कि एक आतंकी की बीवी होने के कारण कैसा सुलूक होगा, लेकिन थाने में मेरा और मेरे बच्चों का बहुत अच्छे से खयाल रखा गया। भारत आए करीब 15 दिन हो गए हैं। काफी सुकून में हूँ।”

लोगों की जिंदगियाँ बर्बाद कर रहे पाकिस्तानी आतंकी

एक संदेश में रजिया ने कहा, “पाकिस्तान स्थित ये आतंकवादी समूह कई लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। वे आतंकवादियों से वादा करते हैं कि अगर उन्हें कुछ भी होता है तो वे उनके परिवारों की देखभाल करेंगे और उन्हें इस्लाम के नाम पर मरने के लिए भेज देते हैं। वे इस्लाम का दुरुपयोग करते हैं और जब आतंकवादी मर जाते हैं तो उनके परिवार को बेसहारा छोड़ देते हैं।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -