TIME पत्रिका ने बुधवार (17 फरवरी 2021) को 2021 TIME-100 Next जारी की, TIME फ्रैंचाइज़ी का मुख्य संस्करण जिसमें 100 प्रभावशाली लोगों की सूची मौजूद है। 100 ऐसे लोग जो TIME के मुताबिक़ आने वाले कल की रूपरेखा तय करने में अहम भूमिका निभाएँगे। मज़े की बात है कि सूची में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ का नाम भी मौजूद है।
सूची में यूके के वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak), ट्विटर के मुख्य अधिवक्ता विजया गड्डे, इन्स्टाकार्ट (instacart) के संस्थापक और सीईओ अपूर्व मेहता, डॉक्टर और नॉन प्रॉफिट GET US PPE की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शिखा गुप्ता और नॉन प्रॉफिट अपसॉल्व (Upsolve) के संस्थापक रोहन पवुलूरी का नाम भी मौजूद है। सूची के बारे में बात करते हुए TIME-100 के एडिटोरियल डायरेक्टर डैन मैक्सी ने कहा, “सूची में शामिल हर नाम इतिहास बनाने के लिए तैयार है, बल्कि कुछ ने बना भी दिया है।”
TIME के अनुसार हाथरस मामले में चंद्रशेखर ने चलाया था अभियान
TIME के भीतर चंद्रशेखर के लिए कहा गया है कि वो भीम आर्मी का नेता है और दलितों के लिए स्कूल चलाता है, जिससे वह अत्याचार के विरुद्ध मुखर हो सकें। इसके अलावा वह गाँवों में जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव से पीड़ित लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाता है।
इसके बाद चंद्रशेखर के बारे में कहा गया है कि उसने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय युवती के साथ हुए रेप के मामले में न्याय दिलाने के लिए अभियान चलाया था क्योंकि पुलिस इस मामले की जाँच में देरी कर रही थी। TIME के मुताबिक़ चंद्रशेखर ने तमाम कथित देशहित के आंदोलनों का समर्थन भी किया था, इसमें हालिया किसान आंदोलन भी शामिल है। चंद्रशेखर के ‘औरा’ का वर्णन करते हुए TIME में कहा गया है, “आज़ाद की शानदार मूछें, प्रतिरोध का प्रतीक हैं।”
कैसे चंद्रशेखर ने किया हाथरस मामले में दखल
चंद्रशेखर की भीम आर्मी ने हाथरस मामले की जाँच को प्रभावित करने का पूरा प्रयास किया था। यह तब पता चला जब ये बात सामने आई कि भीम आर्मी के 3 लोग पीड़िता के परिवार वालों के साथ रह रहे थे और सच्चाई सामने आने पर कहने लगे कि वह पीड़िता के रिश्तेदार हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इन तीन लोगों में एक महिला भी शामिल थी जो मूल रूप से मध्य प्रदेश की रहने वाली थी। पीड़िता की मृत्यु के 2 दिन पहले (27 सितंबर 2020) चंद्रशेखर ने उससे मुलाक़ात की थी और मामले का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया था।
पीड़िता के परिवार के साथ रह रहे तीन लोग लगातार मीडिया को बयान दे रहे थे और प्रदेश सरकार, प्रशासन को निशाना बना रहे थे। जैसे ही पीड़िता के परिवार के हर सदस्य को सुरक्षा देने की बात हुई वैसे ही पुलिस को पूरे मामले पर शक हुआ और पुलिस ने सभी को संदेह की दृष्टि से देखना शुरू किया। ठीक यहीं पर भीम आर्मी पूरे मामले से गायब हो गई।
जब वायरल हुए थे चंद्रशेखर के गाली भरे ट्वीट
पिछले साल जून में ट्विटर पर चंद्रशेखर के गाली वाले कई ट्वीट वायरल हुए थे। इसमें ज़्यादातर ट्वीट 2018 के थे जिसमें उसने बेहद अपमानजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। उसने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करने वाली हर महिला के लिए “दल्ला” और #डी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। ट्वीट में यह भी लिखा था कि इन सभी ने खुद को भाजपा को बेच दिया है। ट्वीट पर विवाद बढ़ने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने इनका संज्ञान लिया था।
ये ट्वीट्स 2018 के हैं। और कुछ समय पहले जब सामने आए थे तो रावण साहब ने कहा था कि मेरा मोबाइल किसी और के पास था। और सबने मान लिया शायद। क्योंकि न तो ढफली गैंग वालों ने हल्ला मचाया न किटी पार्टी और लिपस्टिक पार्टी ने।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) February 20, 2021
ठीक इसी महीने में चंद्रशेखर पर आरोप लगा था कि उसने दिल्ली एम्स में अपने ब्लड कैंसर के बारे में डॉक्टर्स को बताए बिना रक्त दान किया था। चंद्रशेखर के फिजिशियन डॉ हरजीत सिंह भाटी ने भी यह बताए छुपाए रखी, बाद में यह पता चला कि वह एक तरह के ब्लड कैंसर (polycythemia vera) से पीड़ित है। इसी तरह पिछले साल TIME ने सीएए और एनआरसी का विरोध करने वाली 82 वर्षीय बिलकिस 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था।