ब्रिटेन में खुली जिंदगी जीने की आदी लड़कियाँ कम उम्र में ही कौमार्य (Virginity) को गँवा देती हैं। ऐसे में जब वहाँ शादी होती है तो वह ‘वर्जिनिटी सर्जरी’ का सहारा लेकर फिर से अपने को कुँवारी साबित करती हैं। अब सरकार ने इसको बैन करने के लिए संसद में बिल पेश किया है।
ब्रिटेन में आमतौर पर सैकड़ों ऐसे माता-पिता हैं जो अपनी बेटियों को इस तरह की सर्जरी कराने के लिए बाध्य करते हैं। ब्रिटेन की महिला अधिकार संगठन इन प्रक्रियाओं के लिए युवतियों को बाध्य करने के कारण इसे हिंसा मानती हैं।
‘द गार्डियन’ ने अपनी रिपोर्ट में हाफसा (काल्पनिक नाम) की स्थिति को बताया है, जिससे इसकी गंभीरता को आँका जा सकता है। हाफसा ने बताया कि वह 30 साल की है, लेकिन जब वह बच्ची थी तब उसके साथ रेप किया गया था। इसके बाद उसके कुर्दिश (ईरानी मूल के) अम्मी-अब्बू ने उस पर वर्जिनिटी सर्जरी के लिए दबाव बनाया, ताकि शादी की रात को उसे ‘प्योर’ पेश किया जा सके और शर्मिंदगी से बची जा सके।
‘ईरानी और कुर्द महिला अधिकार संगठन’ की कार्यकारी निदेशक डायना नम्मी का कहना है, “‘कुँवारी’ के रूप में पेश करने के लिए हर महिला या लड़की, जो दबाव में इस सर्जरी से गुजरती है, वह परिवार द्वारा की जा रही उसकी जबरन विवाह की भुक्तभोगी होती है। यह महिलाओं के साथ एक तरह की हिंसा है। इस सर्जरी के बाद भी अगर संबंध बनाते वक्त खून नहीं निकलता है तो कई बार महिलाएँ ऑनर किलिंग की शिकार बन जाती हैं।
‘वर्जिनिटी रिपेयर’ सर्जरी हो रही बैन
रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश सरकार द्वारा ‘वर्जिनिटी रिपेयर’ सर्जरी को, जिसे हाइमेनोप्लास्टी के नाम से जाना जाता है, अपराध बनाने के लिए एक बिल पेश किया गया है। सोमवार (24 जनवरी 2022) को पेश किए गए स्वास्थ्य देखभाल बिल में संशोधन के तहत कोई भी प्रक्रिया, जो हाइमन के पुनर्निर्माण का प्रयास करती है, वह अवैध होगी। भले ही सर्जरी से गुजरने वाले व्यक्ति की सहमति हो या न हो।
ऐसी होती है सर्जरी
आमतौर पर लड़कियों के अरेंज मैरिज से पहले इस तरह की सर्जरी करवाई जाती है। इस सर्जरी का उद्देश्य होता है कि जब लड़की या महिला अपने पार्टनर से संबंध बनाए तो उसमें खून बहे, चाहे वह पहले ही किसी से संबंध क्यों न बना चुकी हो। इसमें टिश्यू का उपयोग कर नकली हाइमन झिल्ली बनाई जाती है, जिससे संबंध बनाते समय खून निकलने लगता है। इस सर्जरी को प्राइवेट अस्पताल में करवाने पर 50 से 60 हजार रुपए का खर्च आता है। इस सर्जरी में आधे घंटे का समय लगता है।
चूँकि सरकार पिछले साल जुलाई में ‘कौमार्य परीक्षण’ को अपराध घोषित कर चुकी थी, इसलिए डॉक्टरों और नर्सों ने ‘वर्जिनिटी रिपेयर’ सर्जरी को गैर-कानूनी घोषित करने का आह्वान किया था। इन दोनों ही प्रक्रियाओं को महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा का एक रूप माना जाता है।
बैन करने की हो रही थी माँग
रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्स्टीट्रीशियन्स एंड गाइनोकोलोजिस्ट (RCOG) ने सरकार को चेतावनी देते हुए वर्जिनिटी रिपेयर सर्जरी पर सख्ती से रोक लगाने की माँग की थी। गौरतलब है कि पिछले महीने सांसदों की कमेटी ने एक प्रस्ताव पेश किया था जिसमें कुछ निजी क्लीनिकों द्वारा किए जा रहे वर्जिनिटी टेस्ट को अपराध की श्रेणी में लाने की माँग की गई थी।
डॉक्टर्स का कहना था कि एक तरफ तो सरकार वर्जिनिटी टेस्ट पर कानून बनाने का दावा कर रही है वहीं दूसरी तरफ ‘वर्जिनिटी रिस्टोर’ कराने की प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं लगा रही है। UK में ज्यादातर लड़कियों और महिलाओं को पूरी तरह से वर्जिन दिखाने के लिए उनके माता-पिता या फिर रिश्तेदार हाइमनोप्लास्टी कराते हैं। बताया जा रहा है कि ऐसी लड़कियों को अब इस सर्जरी से निजात मिल सकेगा। उन पर माता-पिता अब सर्जरी का दबाव नहीं बना सकेंगे।