सोशल मीडिया पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) की सच्चाई का खुलासा करते हुए एक महिला की वीडियो सामने आई है। इस वीडियो में महिला खुद को POK के भीमभर इलाके का बताती है। साथ ही दावा करती है कि उसने वहाँ गैंगरेप, ब्लैकमेलिंग और किडनैपिंग जैसी चीजें झेली हैं।
महिला को वीडियो में कहते सुना जा सकता है कि वो साल 2015 से इंसाफ के लिए गुहार लगा रही है। लेकिन उसकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है।
गैंगरेप पीड़िता बताती है कि उसका बलात्कार करने वालों में- हारून राशीद, आमूल राशीद, जमील शफी, वकार अशरफ, सलम हारून और तीन अज्ञात शामिल हैं। जिन्होंने अपना अपराध भी स्वीकार लिया है। मगर, फिर भी इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
महिला कहती है कि जब वह इंसाफ माँगने पुलिस के पास गई, तो उसके मामले को पुलिस ने पंचायत के हवाले कर दिया। पंचायत में उसका केस 19 दिन तक चला और यहाँ सभी दोषियों ने अपना अपराध स्वीकारा। मगर, यहाँ उनको सजा देने के बजाय पंचायत ने बंदूक की नोक पर उससे ही समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए।
In Bhimber, POJK, woman gets raped and no one stands for her instead she’s harassed, mislead and ignored.
— Team Bharat (@TeamBharat_) May 18, 2020
She reveals how the authorities are also involved in planned Murders, rapes, burning of raped women and atrocities on citizens. NO justice for women in POJK, Pakistan.#POJK pic.twitter.com/amSbGxmVvB
जब महिला दूसरी बार पुलिस के पास गई, तो उसे पता चला कि मामले में पहले से ही 2 FIR हो गई है। एक महिला के नाम से और दूसरी अपराधियों की ओर से। किंतु यहाँ भी उसे बाद में पता चला कि उसकी ओर से दायर एफआईआर खारिज कर दी गई है। वहीं, मामले को कमजोर करने वाली दूसरी एफआईआर पर संज्ञान लेते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
महिला बताती है कि उसने इंसाफ के लिए मीडिया का भी सहारा लिया और एक दिन थाने में मीडिया लेकर पहुँची। पर, वहाँ उसने देखा पुलिस ने उन्हें लॉकररूम में बंद नहीं किया हुआ था, बल्कि वे तो सब इंस्पेक्टर के रूम में सो रहे थे।
महिला अपने साथ हो रही नाइंसाफी के लिए सबसे बड़ा दोषी POK के वरिष्ठ मंत्री तारिक फारूख को बताती है और कहती हैं कि तारीक ऐसे अपराधियों का पक्ष लेता है जिन्होंने बीते समय में सरकारी इमारतों पर हमला किया है, लड़कियों-लड़कों से रेप किया है, उन्हें जिंदा जलाया है, गरीबों की जायदाद हड़पी है, शहरियों का कत्ल किया है।
यहाँ बता दें कि ये वीडियो कब की है? इस बात की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। मगर, इस समय इसे टीम भारत के ट्विटर अकॉउंट से शेयर किया गया है और आरएसएस समेत कई अन्य सोशल मीडिया अकॉउंट पर भी इसे शेयर किया जा रहा है।
पिछले महीने इसी मामले के संबंध में एएनआई ने एक स्टोरी की थी और तब भी उस रिपोर्ट में इस महिला के हालातों को उजागर किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि महिला को कई सालों से डराया धमकाया जा रहा है और वो लगातार अपने लिए इंसाफ माँग रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, महिला कहती है, “मेरा भीमभर घाटी में सामूहिक दुष्कर्म हुआ और उन्होंने मेरी वीडियो बनाई। बाद में मेरे परिवार को ब्लैकमेल किया जाने लगा। उन्होंने हमसे 10 लाख रुपए माँगे, जब हमने देने से मना कर दिया, तो उन्होंने मेरे बेटे का अपहरण कर लिया और हमसे 15 लाख रुपए माँगने लगे।”
महिला के अनुसार, उसका केस पिछले साढे 4 साल से मीरपुर कोर्ट में पेंडिंग पड़ा है, लेकिन उसे इंसाफ मिलने की कोई किरण नजर नहीं आ रही।
पीड़िता कहती है कि इतने वर्षों में पुलिस उसकी रिकॉर्डिंग को भी जब्त करने में असफल रही है। साथ ही वे फिरौती के पैसे और वो कार, बंदूक आदि कुछ भी नहीं ढूँढ पाई जिसके बूते उसके बेटे का अपहरण हुआ।
पीड़िता की मानें तो वो पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को अभी तक 42 पत्र लिख चुकी है। जिसकी बाबत उन्होंने उसे पूछताछ के लिए बुलाया भी। मगर जब महिला ने न्याय की माँग की। तो उन्होंने उससे कहा कि मुख्य न्यायधीश ने कहा है कि तुम शादीशुदा महिला हो। ऐसे में अगर रेप होता है, तो ये कोई बड़ी बात नहीं है।
यहाँ बता दें कि साल 2017 में महिला ने इस संबंध में मुजफ्फराबाद में संयुक्त राष्ट्र के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन भी किया था। किंतु उस समय पुलिस ने पीड़िता समेच उसके बच्चों को मारा था।
महिला ने बातचीत में कहा, “मेरा अधिकार है कि मैं प्रदर्शन करूँ और कोई मुझसे मेरा अधिकार नहीं छीन सकता। मेरे पति और मेरे परिजनों को पुलिस द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। कई एफआईआर भी उनके ख़िलाफ़ दर्ज हो चुकी है।”
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों पीओके के बाग शहर से सैयद समीर बुखारी सेक्स रैकेट का धंधा चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस समय एक राजैनतिक कार्यकर्ता व लेखक अमजद अयूब ने पीओके के हालातों का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि POK में जो जिहादी कमांडर अपने प्रशिक्षण या मिशन से वापस आते हैं, उनकी संतुष्टि के लिए भी महिलाओं की तस्करी की जाती है।