रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु बचाव बलों को हाई अलर्ट पर रहने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि NATO नेताओं के आक्रामक रवैये और रूस पर लगाए गए वित्तीय प्रतिबंधों के कारण ये निर्णय लिया गया है। व्लादिमीर पुतिन ने रविवार (27 फरवरी, 2022) को कहा कि न सिर्फ पश्चिमी देश रूस के खिलाफ आर्थिक क्षेत्र में दुश्मनी भरे फैसले ले रहे हैं, बल्कि अवैध प्रतिबंध भी लगा रहे हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख को ‘न्यूक्लियर डेटेरेंट फोर्सेज’ को ‘स्पेशल कॉम्बैट ड्यूटी’ पर रहने का आदेश दिया है।
इसके बाद पश्चिमी मीडिया में चर्चा चल रही है कि रूस इस युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। पश्चिमी मीडिया का कहना है कि ये तनाव बढ़ाने वाला और नाटकीय निर्णय है, जिससे लोगों की चिंताएँ बढ़ जाएँगी। ये व्लादिमीर पुतिन के कार्यकाल में पहली बार है जब न्यूक्लियर फोर्सेज को हाई अलर्ट पर रखा गया है। यूक्रेन में रूस के हमले के 4 दिन हो चुके हैं। दुनिया भर के कई शहरों में इस युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन हुए, यहाँ तक कि रूस में भी।
‘SWIFT इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम’ से G-7 देशों ने रूस के सभी बैंकों को प्रतिबंधित करने का भी निर्णय लिया है। वहीं यूक्रेन की राजधानी कीव से 20 मील की दूरी पर रूसी सेना को देखे जाने का दावा वहाँ के मेयर ने किया है। यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में रात भर चले युद्ध के बाद यूक्रेन का दावा है कि यहाँ उसका पूर्ण नियंत्रण है। पुतिन पहले ही कह चुके हैं कि अन्य देशों ने इस युद्ध में हस्तक्षेप किया तो वो होगा जो पहले किसी ने नहीं देखा होगा।
Putin escalating in unacceptable manner with nuclear high alert – U.S. ambassador to U.N. https://t.co/AtKsrHQL6t pic.twitter.com/MZlKxhgb2f
— Reuters (@Reuters) February 27, 2022
यूएन में अमेरिकी एम्बेसडर ने परमाणु धमकी वाली खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि व्लादिमीर पुतिन इस युद्ध को और आगे लेकर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब ये अस्वीकार्य स्तर पर पहुँच गया है। उन्होंने इस फैसले की निंदा करने की वकालत की। कीव और खारकीव में कई इमारतें रूसी सेना का निशाना बनी हैं। कहा जा रहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वहाँ इस तरह के दृश्य नहीं देखे गए थे। यूक्रेन की एक गैस पाइपलाइन को भी रूस ने उड़ा दिया है।