जी-7 देशों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के बियारित्ज़ शहर में पहुँचे हैं। हाल ही में फ्रांस दौरे के बाद यूएई और बहरीन की यात्रा के बाद फिर से फ्रांस पहुँचे हैं। जी-7 राष्ट्र समूह में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान शामिल हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इस बैठक में भारत क्यों शामिल हो रहा है क्योंकि वह जी-7 का हिस्सा तो है ही नहीं? दरअसल, भारत जी-7 की वार्षिक समिट में फ्रांस के आमंत्रण पर शामिल हो रहा है।
जी-7 में शामिल देश हैं कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका. 1977 से इस सम्मेलन में यूरोपियन यूनियन भी शामिल होता रहा हैhttps://t.co/xzFHV9edjm
— आज तक (@aajtak) August 25, 2019
फ्रांस की मेजबानी में हो रहे इस समिट में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉन ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, सेनेगल और रवांडा को इन्विटेशन भेजा है। उन्होंने कहा कि भारत का इस समिट में रहना ज़रूरी है क्योंकि कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर बिना भारत से राय लिए आगे नहीं बढ़ा जा सकता। जी-7 के आयोजक देश के रूप में फ्रांस के पास यह अधिकार है कि वह समूह के बाहर के अन्य देशों को भी बुला सकता है।
PM Modi reaches Biarritz in France, where he will take part in #G7Summit. pic.twitter.com/iymaokNFsk
— All India Radio News (@airnewsalerts) August 25, 2019
इस समिट में कई अहम वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। बियारित्ज़ पहुँचने से पहले पीएम मोदी ने बहरीन में 15,000 से भी अधिक प्रवासी भारतीयों को सम्बोधित किया। अरुण जेटली के निधन के बाद पीएम मोदी देश लौटना चाहते थे लेकिन जेटली की पत्नी व बेटे ने पीएम से फोन पर अपील की कि वे अपना विदेश दौरा बीच में न छोड़ें।