केरल के मुख्य सचिव टॉम जोसे ने माओवादी आतंकवादियों को आतंकवादी क्या कहा, केरल कॉन्ग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (सीपीआई) उनके ऊपर भड़क उठे हैं। विधानसभा के फ्लोर से लेकर मीडिया और सड़कों तक उनका विरोध किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने यह कहने की जुर्रत कर दी कि खुद ऑटोमैटिक हथियार लेकर घूमने वाले और निहत्थे, निरीह लोगों को ढाल बनाकर मौत के मुँह में धकेलने वाले माओवादी आतंकियों के ह्यूमन राइट्स की चिंता करना पुलिस और सुरक्षा बलों का काम नहीं है।
#Congress-led opposition & the ruling Left Front’s 2nd biggest ally-Communist Party of India- slammed Chief Secretary #TomJose for his article in a leading #English daily that appeared in Tuesday’s newspaper where he said that in the state now “It is like war: Kill or be killed”. pic.twitter.com/ZY6h3CbYNF
— IANS Tweets (@ians_india) November 5, 2019
कल (मंगलवार, 6 नवंबर, 2019 को) टाइम्स ऑफ़ इंडिया के सम्पादकीय पेज पर प्रकाशित एक लेख में जोसे ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद की परिभाषा (वे तत्व जो हिंसा का इस्तेमाल राजनीतिक मंशा से करते हैं, और इस प्रक्रिया में नागरिकों को नुकसान पहुँचाते हैं या नुकसान की राह पर धकेलते हैं। अतः एक लोकतान्त्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार के खिलाफ हथियारबंद लड़ाई करने वाले नागरिकों को नुकसान पहुँचाने के चलते आतंकवादी होते हैं) के हिसाब से माओवादी आतंकी ही हुए। उन्होंने यह पक्ष रखा कि सरकारों का काम निहत्थे और शांतिप्रिय नागरिकों की हिफाज़त करना होता है।
जोसे ने लिखा कि इसका कोई औचित्य नहीं कि शांतिप्रिय आम नागरिकों और माओवंशी आतंकियों के ह्यूमन राइट्स एक जैसे हों। यह न केवल देश के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ होगा, बल्कि कानून का पालन करने वाले आम नागरिकों का मखौल उड़ाना उनका अपमान होगा।
Kerala Chief Secretary Tom Jose has stirred a controversy when he justified the encounter killings of four Maoists in Agali forests on October 28 and 29.https://t.co/W8q8RYNMjU
— Onmanorama (@Onmanorama) November 5, 2019
इसी सत्य पर कम्युनिस्ट और केरल कॉन्ग्रेस खफा हैं। जहाँ कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई क़ानूनी तोड़ मरोड़ से खूँखार माओवादियों और आम नागरिकों के अधिकार बराबर बताने में लगी है, वहीं कॉन्ग्रेस नाराज है कि ऐसा लग रहा है केरल का शासन मुख्य सचिव चला रहे हैं।
लेकिन जोसे को सोशल मीडिया पर आम और खास सभी तबकों से समर्थन मिल रहा है। आम लोग उनकी सराहना कर रहे हैं और उनके विरोधियों का उपहास कर रहे हैं।
Palin truth.Tom Jose was echoing a commonsense view.Morons like Umesh babu and and clowns like CPI are barking at it. pic.twitter.com/yvV588KDs0
— Dr.E.Balakrishnan (@DrEBalakrishna1) November 5, 2019
सबरीमाला मुद्दे पर केरल सरकार से लगातार टकरा चुके हिंदूवादी एक्टिविस्ट राहुल ईश्वर ने भी जोसे के लेख का समर्थन किया है।
War on #Maoists ; superb articulation by Chief Secretary, Kerala. Sri Tom Jose.
— Rahul Easwar (@RahulEaswar) November 5, 2019
4 maoists were killed in Kerala by forces pic.twitter.com/ShBdXIL1yO
ऐसे में सवाल यह है कि कम्युनिस्टों का तो समझ में आता है, मगर सिद्धार्थ शंकर रे के समय में खुद इन वामपंथी आतंकियों के हाथों अपने कारकर्ताओं को खो चुकी कॉन्ग्रेस किस कारण से इन आतंकियों के पक्ष में अपना बचा खुचा जनाधार गँवाने पर तुली है।