केरल नन बलात्कार मामले ने निराशाजनक मोड़ ले लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, बिशप फ्रेंको मुलक्कल पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीड़ित नन का समर्थन करने वाली पाँच ननों में से चार को कुराविलंगद कॉन्वेंट (Kuravilangad convent) स्कूल छोड़ने के लिए कहा है। मिशनरीज ऑफ़ जीसस की तरफ़ से उन्हें यहाँ भेजा गया था। साफ़ है कि यह कार्यवाही, बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन करने वाले ननों की सामूहिक ताकत को तोड़ने के लिए की गई है।
JUST IN: 4 nuns who spoke up against Bishop Franco forced out of Kerala convent. LISTEN IN as Vivek shares details pic.twitter.com/GnDk82C6fX
— TIMES NOW (@TimesNow) January 16, 2019
रिपोर्ट के अनुसार, चर्च बॉडी ने ननों को पंजाब, हरियाणा, ओडिशा और आंध्र प्रदेश राज्यों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 में कुराविलंगड के एक गेस्टहाउस में और बाद में कई अवसरों पर केरल के एक 44 वर्षीय नन के बलात्कार करने के आरोप हैं।
केरल में फ्रांसिस्कन क्लेरिस्ट कांग्रेगेशन (FCC) के सुपीरियर जनरल सर एन जोसेफ (Sr. Ann Joseph FCC) ने लूसी कलपुरा नाम की नन को हुजूम से निकाल देने की धमकी दी है। ऐसी धमकी उन्हें केवल इसलिए मिली है क्योंकि वह रेप आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ न्यूज़ चैनलों में बातचीत का हिस्सा बनती थी, गैर-ईसाई अखबारों में उनके लेख छपते थे और साथ ही उनपर कैथोलिक नेतृत्व के खिलाफ गलत आरोप लगाने का इल्ज़ाम है
मुलक्कल पर 2014 और 2016 के बीच जीसस मिशनरी की एक नर्स पर कई बार रेप करने का आरोप है। जिसके कारण वो अपनी बेल से पहले 3 हफ़्ते पाला की सब-जेल में भी गुज़ार कर आ चुके हैं। इसी मामले पर कुछ ननों के साथ मिलकर कलपुरा ने कोचिन के उच्च न्यायलय के परिसर में पिछले साल कई हफ्तों तक भूख हड़ताल की थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कलपुरा को जो नोटिस प्राप्त हुआ है, उसमें लिखा हुआ है- “20 सितंबर से लेकर अभी तक तुम्हारे द्वारा किए गए काम बेहद शर्मसार करने वाले रहे जोकि चर्च को और FCC को नुकसान पहुँचा सकते हैं। तुम अपने से ऊपर पद पर आसित लोगों की अनुमति लिए बिना अरन्नाकुलम हाई कोर्ट गईं और SOS एक्शन काउन्सिल द्वारा किए 20 सितंबर 2018 के आंदोलन में भाग लिया। तुमने गैर-ईसाई अखबारों में और मंगलम (MANGALAM) और मध्यम्म(MADHYAMAM) जैसी साप्तिहिकी में भी लिखा, इसके अलावा समय (Samayam) को बिना किसी की अनुमति के तुमने इंटरव्यू भी दिया। फ़ेसबुक के ज़रिए और चैनलों की बातचीत का हिस्सा बनकर तुमने कैथोलिक नेतृत्व पर आरोप लगाया और साथ ही हमारे मूल्यों को भी गिराने की कोशिश की है। तुमने FCC की छवि बिगाड़ने का भी प्रयास किया है। तुम्हारा सोशल मीडिया पर बतौर धार्मिक सिस्टर होकर ऐसा प्रदर्शन बेहद शर्मनाक है।”
इंडियन एक्सप्रेस से हुई बातचीत में कलपुरा ने बताया कि उन्हें नहीं लगता कि कैथोलिक चर्च के नोटिस में जिन कार्यों का वर्णन हैं, उनमें से कुछ भी गलत है, उनका कहना है कि अगर उन्हें पहले पता होता कि वो लोग गलत हैं, तो वो कभी भी उनसे नहीं जुड़ती। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई स्पष्टीकरण नहीं देना है। इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि ये बदला लेने जैसा काम है।