अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में चल रहे कुलभूषण जाधव केस में जहाँ भारत ने काफ़ी मजबूती से अपना पक्ष रखा, वहीं पाकिस्तान अलग-थलग नज़र आया। भारत की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने एक-एक कर पाकिस्तान के सारे झूठ बेनक़ाब किए और अपनी उम्दा दलीलों से भारत का पक्ष मजबूत किया। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल से हाथ मिलाने से मना कर दिया। मित्तल ने मई 2017 में सुनवाई के दौरान भी पाकिस्तान के वकील से हाथ मिलाने से मना कर दिया था।
Diplomats have their way of talking. At the ICJ, both India’s envoy to Netherlands Venu Rajamony and MEA JS PAI Deepak Mittal refused to shake hands with the Pak side before the proceedings began. Customary Namaskar was offered. In mourning can’t shake hands with terror nation. pic.twitter.com/nI9YBNrqTy
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) February 18, 2019
सुनवाई के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। एक निर्दोष की जान को ख़तरे में बताते हुए भारत ने इस पूरे मामले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। चार दिन तक चलने वाली इस सुनवाई के पहले दिन सोमवार (फरवरी 18, 2019) को भारत ने काउंसलर एक्सेस का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान वियना समझौते का उल्लंघन कर रहा है। हरीश साल्वे ने अदालत में कहा:
“भारतीय नागरिक जाधव को लेकर पाकिस्तान की कहानी पूरी तरह कल्पना पर आधारित है, जिसमें सच्चाई नहीं। काउंसलर एक्सेस के बिना जाधव को लगातार हिरासत में रखा गया जिसे ग़ैर क़ानूनी घोषित किया जाना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं कि पाकिस्तान जाधव मामले को एक प्रचार उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।”
साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान अब तक इस मामले में कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दे पाया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मामले को प्रोपोगैंडा के लिए कर रहा है। उन्होंने कोर्ट से जाधव को राहत देने की अपील की। पाकिस्तान के अमानवीय रवैये को दुनिया के सामने लाते हुए हरीश साल्वे ने आगे कहा:
“बिना देरी पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए। काउंसलर एक्सेस के लिए भारत ने 13 बार रिमाइंडर भेजा, लेकिन पाकिस्तान ने इस पर अब तक ध्यान नहीं दिया। मार्च 2016 में जाधव को पकड़ा गया, जबकि केस क़रीब एक महीने बाद दर्ज किया गया। इस दौरान भारत ने कई बार काउंसलर एक्सेस की मांग की, जिसे ठुकरा दिया गया।”
#JusticeForJadhav | When one is tried at a state court, people don’t even realise what is consular access. But ours is a different kind of a case: Senior counsel Harish Salve speaks to Arnab
— Republic (@republic) February 18, 2019
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पाकिस्तान के एड-हॉक जज तसद्दुक हुसैन गिलानी को दिल का दौरा पड़ा है, जिसके बाद उन्हें इस्लामाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। 69 वर्षीय गिलानी की हालत अभी स्थिर है। आपको बता दें कि आईसीजे के अनुच्छेद 31 के तहत व्यवस्था की गई है कि अगर किसी केस में पैरवी कर रहे देश की राष्ट्रीयता का कोई जज कोर्ट की बेंच में नहीं है तो वह किसी व्यक्ति का चुनाव एड-हॅक जज के तौर पर कर सकता है।
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान के सैनिकों ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान से पकड़ने का दावा किया था। जाधव पर अफ़ग़ानिस्तान में जासूसी का झूठा आरोप मढ़ कर पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट ने अप्रैल 2017 में उन्हें मौत की सज़ा सुनाई थी। भारत ने इस सज़ा को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायलय का दरवाजा खटखटाया था। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने जाधव के परिवार को भी प्रताड़ित किया था। जब जाधव के परिजन उनसे मिलने गए थे, तब पाकिस्तान ने उनसे दुर्व्यवहार किया था।