दो गुटों में बँटी नेशनलिस्ट कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अहम फैसला दिया है। नार्वेकर ने शरद पवार गुट को झटका देते हुए उनसे अलग हुए भतीजे अजित पवार के गुट को ही असली NCP बताया है। स्पीकर का यह फैसला उपमुख्यमंत्री अजित पवार और 8 अन्य विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए दी गई याचिका दायर पर आया है।
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अजित पवार गुट ही ‘असली NCP’ है। नार्वेकर ने कहा, “अजित पवार गुट ने 30 जून 2023 को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया और उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना। अजित पवार को 41 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इसलिए अजित पवार गुट ही असली NCP है।” बता दें कि दोनों गुटों ने दावा किया था कि वे ही असली NCP हैं।
Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narwekar decides that Ajit Pawar faction is the 'real NCP' political party. Decision was based on the factor of legislative majority. pic.twitter.com/HH6ab2jDVl
— ANI (@ANI) February 15, 2024
दरअसल, शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट NCP (शरदचंद्र पवार) ने अपनी याचिका में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार समेत 9 विधायकों को अयोग्य ठहराने की माँग की थी। नार्वेकर ने कहा कि अजित गुट के सभी विधायक योग्य हैं। कोई भी विधायक अयोग्य नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने शरद पवार गुट की याचिका खारिज कर दी।
राहुल नार्वेकर ने कहा, “शिवसेना को लेकर मैंने जो फैसला लिया था उसका आधार यहाँ लेना होगा। दोनों गुट पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर दावा कर रहे हैं। दोनों गुट दावा कर रहे हैं कि अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के संविधान के मुताबिक नहीं हुआ है। पार्टी में दो समानांतर नेतृत्व खड़े हो गए हैं। दोनों समूहों द्वारा अयोग्यता याचिकाएँ भी दायर की गई हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “NCP के संविधान के अनुसार एनसीपी वर्किंग कमेटी सर्वोच्च संस्था है। इसमें 16 स्थायी सदस्य हैं। पार्टी का संविधान अस्थायी सदस्यों को इजाजत नहीं देता। पार्टी के संविधान और नेतृत्व संरचना में कोई स्पष्टता नहीं है। ऐसे में हमें नेतृत्व संरचना, पार्टी संविधान और संख्या बल के आधार पर तय करना होगा कि पार्टी किसकी है। ऐसे में संख्याबल के हिसाब से अजित पवार की अगुवाई वाला गुट की असली एनसीपी है।”
नार्वेकर ने यह भी कहा कि दलबदल के आधार पर विधायकों की अयोग्यता से संबंधित भारत के संविधान की 10वीं अनुसूची में दिए गए प्रावधानों का उपयोग सदस्यों को चुप कराने या विपक्ष को कुचलने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से कानून का दुरुपयोग होगा और न्याय के सिद्धांत के विपरीत होगा।
बता दें कि चुनाव आयोग ने भी अपने फैसले में अजित पवार गुट को असली NCP बताया था और राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न घड़ी आवंटित कर दिया था। इस पर NCP के संस्थापक शरद पवार ने रविवार (11 फरवरी 2024) को कहा था कि आयोग द्वारा अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने का फैसला हैरान करने वाला है।
शरद पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को असली NCP के रूप में मान्यता देने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। गौरतलब है कि बाद में चुनाव आयोग ने शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को ‘नेशनलिस्ट कॉन्ग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार)’ का नाम दिया था।