एबीपी समूह के स्वामित्व और नियंत्रण वाले मराठी क्षेत्रीय चैनल एबीपी माझा द्वारा वीर सावरकर की जयंती पर एक विवादस्पद शीर्षक, ‘सावरकर-एक नायक एक खलनायक?’ से एक विशेष कार्यक्रम (बहस) किया गया था। इस कार्यक्रम के शीर्षक पर वहाँ मौजूद पैनलिस्ट ने कड़ी आपत्ति दर्ज की थी। ख़बर है कि एबीपी चैनल ने कार्यक्रम के विवादास्पद शीर्षक के लिए सार्वजनिक भावनाओं को आहत करने के लिए माफ़ी माँगी है।
VIDEO | स्वातंत्र्यवीर सावरकर प्रकरणी एबीपी माझाची दिलगिरी | ABP Majha pic.twitter.com/R1nLYWEKfm
— ABP माझा (@abpmajhatv) June 20, 2019
एबीपी माझा ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा, “स्वातंत्र्यवीर वीर सावरकर की जयंती पर, ‘सावरकर-एक नायक या एक खलनायक’ शीर्षक से एक बहस का कार्यक्रम- एबीपी माझा पर प्रसारित किया गया था। इस शीर्षक से लोगों की भावनाओं को आहत करने या वीर सावरकर का अनादर करने का माझा (चैनल) का कोई इरादा नहीं था। वास्तव में, माझा ने 2 शो टेलीकास्ट किए थे कि वीर सावरकर का जीवन कितना प्रेरणादायक था। यदि बहस और शीर्षक ने दर्शकों की भावनाओं को आहत किया है, तो हमें इसके लिए खेद है और हम इसके लिए माफ़ी माँगते हैं।”
ख़बर के अनुसार, 28 मई 2019 को वीर सावरकर की जयंती के मौके पर कुछ हफ़्ते पहले, एबीपी माझा ने ‘सावरकर-एक नायक या एक खलनायक?’ शीर्षक से एक बहस शुरू की थी- जिसे लोगों ने वीर सावरकर के अपमान के रूप में लिया और अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की क्योंकि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका बहुत बड़ा योगदान था।
ABP के एक ग्राहक, कॉटन किंग, जो लंबे समय से एबीपी माझा पर विज्ञापन देते रहे हैं, उन्होंने चैनल से अपने सभी विज्ञापन वापस ले लिए और चैनल के विवादित कार्यक्रम के कारण चैनल का आर्थिक बहिष्कार शुरू कर दिया।
अभिनंदन कॉटन किंगचे.
— ?ℳɑŋσj ℛɑŋε? (@Marathi_Tweets) June 13, 2019
कॉटन किंगने एबीपीवरच्या त्यांच्या कंपनीच्या सर्व जाहिराती मागे घेतल्या आहेत.
सावरकरांच्या विरोधात एबीपी माझाने हेतुपुरस्सर ओकलेल्या गरळ विरोधात हिंदू जागा झाला आहे.@mi_puneri@SamudriDakoo@SGhodgerikar @Sootradhar @RenuGadgil @ShamalShingte pic.twitter.com/mAhSrDnzLE
ब्रिटिश उत्पीड़न के ख़िलाफ़ लड़ने व अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में सेलुलर जेल में क़ैद की सजा भुगतने वाले वीर सावरकर को अक्सर अपमानित किया जाता रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि वो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रबल सेनानी एवं प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। वीर सावरकर विश्वभर के क्रांतिकारियों में अद्वितीय थे। उनका नाम ही भारतीयों के लिए उनका संदेश था। वे एक ऐसे महान क्रांतिकारी, इतिहासकार, समाज सुधारक, विचारक, चिंतक और साहित्यकार थे। उनकी पुस्तकें क्रांतिकारियों के लिए गीता के समान थीं। उनका जीवन बहुआयामी था।