मुंबई के अलीबाग चीफ मजिस्ट्रेट ने अर्णब गोस्वामी समेत 3 लोगों से न्यायिक हिरासत में पूछताछ करने के लिए पुलिस को अनुमति दे दी है। अर्णब को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद पुलिस ने यह माँग 6 नवंबर को की थी। इसी माँग पर सुनवाई करते हुए सीजेएम ने कहा कि वह अर्णब से तलोजा जेल में हर दिन तीन घंटे पूछताछ कर सकते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, रायगढ़ पुलिस की 10 सदस्यों की स्कवॉड ने सोमवार को गोस्वामी और तलोजा जेल में बंद अन्य दो आरोपितों से पूछताछ की। इसकी जानकारी जाँच अधिकारी एवं रायगढ़ क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर जमील शेख ने दी। उन्होंने बताया कि तीन टीमों ने अर्णब गोस्वामी, फिरोज शेख और नीतिश शारदा से पूछताछ की।
इंस्पेक्टर जमील ने कहा, “आरोपित अर्णब गोस्वामी से तलोजा जेल में पूछताछ करना बहुत टाइम कंज्यूमिंग है। अलीबाग से तलोजा जेल पहुँचने में करीब 2 घंटे लगते हैं और उसके बाद सीजेएम के आदेशानुसार हम पर 3 घंटे की बंदिश भी है। पुलिस हिरासत पूछताछ करने के लिए ज्यादा सही होती।”
बता दें कि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के संस्थापक और प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले में ऐसा दावा नहीं पेश किया गया, जिससे पीठ को असाधारण जुरिडिक्शन देना पड़े।
हालाँकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये भी कहा था कि नियमित जमानत के अन्य विकल्प अभी भी हैं और उसके लिए प्रयास किया जा सकता है। इसके लिए अर्णब गोस्वामी को सेशन कोर्ट जाना पड़ेगा।
गौरतलब है कि रायगढ़ पुलिस ने रविवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को न्यायिक रिमांड जारी रखने के लिए तलोजा जेल शिफ्ट कर दिया गया था।
अर्णब की शिफ्टिंग का कारण देते हुए पुलिस ने दावा किया कि अर्णब गोस्वामी अलीबाग के क्वारंटाइन सेंटर के अंदर मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे थे। नियमों के अनुसार, वह अनुमति के बिना न्यायिक हिरासत में रहते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते है।