मशहूर पत्रकार बरखा दत्त के लिए सरहद पार से खुशखबरी आई है। भारत के पत्रकारिता जगत में विश्वसनीयता हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहीं बरखा को पाकिस्तान के अतिरिक्त इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (Addl IGP) ने ‘आईएसआई’ मार्का सर्टिफिकेट दिया है।
पाकिस्तान के Addl IGP डॉ. जमील अहमद ने ‘बेचारे कश्मीरियों के मानवाधिकार का हनन’ के अपने प्रोपगेंडा को हवा देने के लिए हिन्दुस्तान की सरकार को ‘अमानवीय’ करार देने वाले बरखा दत्त के ट्वीट को शेयर किया है। यह प्रोपगेंडा भारत के खिलाफ पाकिस्तान वर्षों से चला रहा है और बरखा के बयान कई मौकों पर उनके काम आए हैं।
‘फ़ोन लाइन खोलो, वरना तुममें इंसानियत नहीं’
ट्विटर पर साकिब यट्टू नामक कश्मीरी ने ट्वीट कर शिकायत की थी कि पाँच दिन से उन्हें अपने घर वालों की कोई खोज-खबर नहीं मिल पा रही है। उनकी अपनी माँ से आखिरी बार बात 4 अगस्त की रात को हुई थी। उसको आगे बढ़ाते हुए बरखा ने इस ‘information blockade’ (सूचनाओं की नाकेबंदी) को ‘अमानवीय’ करार दिया।
Open the phone lines. No matter where you stand, what you think, lift this information blockade. It is not humane. #Kashmir https://t.co/MpXsD3zRLV
— barkha dutt (@BDUTT) August 9, 2019
गौरतलब है कि आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी करने से पहले जम्मू-कश्मीर में एहतियातन कई कदम उठाए गए थे। इसी कड़ी में फोन और इंटरनेट सेवा भी बंद की गई थी।
सूचना गतिरोध मानवाधिकार हनन
बरखा दत्त ने पाकिस्तान को वही मौका दे दिया जिसकी वह सदैव तलाश में रहता है- दुनिया को यह दिखाने की कि हिंदुस्तान भी उसी की तरह हिंसक और अमानवीय है। जमील अहमद, जो कि सुक्कुर में पाकिस्तान के Addl IGP बनने से पहले CIA के कराची-प्रमुख रह चुके हैं (उनके ट्विटर bio के अनुसार), ने निम्न ट्वीट किया:
उन्होंने बरखा दत्त के ट्वीट के आधार पर हिंदुस्तान पर कश्मीर में गंभीर मानवाधिकार हनन करने का आरोप लगाया और हिन्दुस्तान के ‘पढ़े-लिखे, संयमित और सेक्युलर तत्वों’ से बरखा की बात सुनने और हिन्दुस्तान के खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील की।
और यह पहली बार भी नहीं है। बरखा के पाकिस्तानी मुरीदों में हाफ़िज़ सईद जैसा खूँखार जिहादी भी शामिल है, और बरखा अनेक बार पाकिस्तानियों के एजेंडे को हवा, आवाज़ और विश्वसनीयता दे चुकीं हैं। जिहादी बुरहान वानी को ‘हेडमास्टर का बेटा’ बताकर उसके लिए सहानुभूति पैदा करने की कोशिश भी बरखा ने ही की थी।
Breaking: Burhan Wani hizbul commander, son of school headmaster who used social media as weapon of war, killed in Anantag. BIG STORY
— barkha dutt (@BDUTT) July 8, 2016
यह भी ध्यान देने की बात है कि ये वही बरखा दत्त हैं जो पुलवामा आतंकी हमले के बाद पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को शांति का मसीहा साबित करने की पुरजोर कोशिश करती देखीं गई थीं।