प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात दंगों को लेकर प्रोपेगंडा डॉक्यूमेंट्री बनाने के मामले में BBC पर मानहानि का मुकदमा दायर हुआ है। ब्रिटेन की मीडिया संस्थान को इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस भी जारी किया है। एक NGO ने 10,000 करोड़ रुपए के अपने मानहानि के मुक़दमे में आरोप लगाया है कि इस डॉक्यूमेंट्री ने भारत की प्रतिष्ठा को मलीन करने का कार्य किया है। साथ ही न्यायपालिका और प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को भी बदनाम किया है।
‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC)’ को ये समन सोमवार (22 मई, 2023) को जारी किया गया। गुजरात के NGO ‘जस्टिस फॉर ट्रायल’ ने दिल्ली उच्च-न्यायालय में मुकदमा दायर किया है। इस मामले में ‘BBC (UK)’ के अलावा ‘बीबीसी इंडिया’ को भी नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा गया है। डॉक्यूमेंट्री ‘India: The Modi Question’ को दो हिस्सों में जारी किया गया था। ‘BBC (UK)’ ने इसे जारी किया था, जबकि ‘बीबीसी इंडिया’ इसी की भारतीय शाखा है।
NGO की तरफ से 67 वर्षीय वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे दिल्ली हाईकोर्ट में पेश हुए। भारत के सॉलिसिटर जनरल रहे हरीश साल्वे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पाकिस्तान में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव का केस भी लड़ चुके हैं, जिसके बाद उनकी मौत की सज़ा पर रोक लग गई थी। उन्होंने कहा कि इस डॉक्यूमेंट्री ने भारत और इसकी पूरी व्यवस्था को बदनाम किया है, न्यायपालिका सहित। इस मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।
The defamation suit has been filed by a Gujarat based non-profit organisation named Justice on trila.
— Bar & Bench (@barandbench) May 22, 2023
Senior Advocate Harish Salve appeared for the organisation and said that the documentary has defamed India and the whole system including judiciary.
जस्टिस सचिन दत्ता ने सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किया। इससे पहले 3 मई को एक भाजपा नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने BBC और Wikimedia को नोटिस जारी किया गया था। माँग की गई थी कि इन्हें RSS और VHP को बदनाम करने वाले कंटेंट्स प्रकाशित करने से रोका जाए। एक विकिपीडिया पेज पर इस डॉक्यूमेंट्री का लिंक उपलब्ध था, जबकि भारत में ये बैन है। इस प्रोपेगंडा डॉक्यूमेंट्री के जरिए मुस्लिम कट्टरपंथियों का भी बचाव किया गया था।