देश में ईशनिंदा को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारतीय महिला प्रेस कोर की सदस्य कई महिला पत्रकारों ने विवादित पत्रकार सबा नकवी का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। इन महिला पत्रकारों का कहना है कि वे भी IWPC की सदस्य हैं, लेकिन कोर ने उनसे सलाह लिए बिना ही ये बयान जारी किया है और वे सबा द्वारा हिंदू धर्म का अपमान करने के कृत्य का समर्थन नहीं करती हैं।
शुक्रवार (10 जून 2022) को भारतीय महिला प्रेस कॉर्प्स ने एक बयान जारी कर दिल्ली पुलिस द्वारा सबा नकवी के खिलाफ अशांति पैदा करने के इरादे से झूठी सूचना को बढ़ावा देने के आरोप में दर्ज किए गए केस की निंदा की थी। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने नूपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल, मौलाना नदीम, असदुद्दीन ओवैसी, यति नरसिंहानंद सरस्वती और कई अन्य सहित हिंदू धर्म और इस्लाम पर विभिन्न टिप्पणियाँ करने के मामले में केस दर्ज किया है। इन्हीं लोगों में से एक हैं सबा नकवी।
दिल्ली पुलिस द्वारा केस दर्ज करने पर IWPC ने कहा था, “भारतीय महिला प्रेस कॉर्प्स स्तब्ध है। हमारी मेंबर और वरिष्ठ पत्रकार सबा नकवी के खिलाफ उनके पोस्ट के लिए केस दर्ज करने के मनमाने तरीके से चिंतित है। ऐसा लगता है कि सेलेक्टिव तरीके से लोगों को उनके विचारों के लिए टार्गेट किया जा रहा है। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। समय-समय पर हमने देखा है कि सब्जेक्टिव आधार पर लोगों का अनुचित उत्पीड़न किया जाता है। हम उम्मीद करते हैं कि कानूनी व्यवस्थाएँ और अधिक विवेकपूर्ण होगी। हम दिल्ली पुलिस की एफआईआर को वापस लेने और अदालत में इसे रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करने की माँग करते हैं।”
IWPC के बयान को सबा नकवी ने ट्विटर पर पोस्ट किया।
IWPC a statement pic.twitter.com/1HHuf9NKg5
— Saba Naqvi (@_sabanaqvi) June 10, 2022
लेकिन अब संगठन के ही कई मेंबरों ने इससे दूरी बनानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में पत्रकार आशा खोसा ने ट्वीट किया कि वह IWPC प्रबंधन समिति की एक निर्वाचित सदस्य हैं और वो सबा नकवी के इस बयान का समर्थन नहीं करती हैं। उन्होंने ट्वीट में हैशटैग #NotInMyName जोड़ते हुए कहा, “जबकि सबा एक महत्वपूर्ण सहयोगी हैं मैं भगवान शिव पर उनके घृणित बयानों का समर्थन नहीं करती और अपमानित महसूस करती हूँ।”
I am an elected member of the IWPC management Committee. While Saba is a valued colleague, I don’t support her hateful messages on Lord Shiva and felt insulted. I have not endorsed this #NotInMyName @iwpcdelhi.
— AashaKhosa (@KhosaAasha) June 10, 2022
इसी तरह से एक अन्य पत्रकार चित्रा नारायणन ने कहा कि सबा के खिलाफ केस दर्ज करने की जरूरत नहीं थी, लेकिन एक सदस्य के रूप में बिनी किसी सलाह या चर्चा के यह बयान जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार निकाय के रूप में IWPC को सभी सदस्यों से समान रूप से अरुचिकर/आग लगाने वाले कंटेंट पोस्ट न करने का अनुरोध करना चाहिए।
I feel the FIR was not warranted against Saba. However, as an elected member of IWPC find the statement in support problematic as it was not in consultation with members and also as a journalist body, it should equally plead for members not to post distasteful/incendiary stuff.
— Chitra Narayanan (@ndcnn) June 11, 2022
वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की पत्रकार भारती जैन ने ट्वीट किया कि वह भी इस बयान का समर्थन नहीं करती हैं। उन्होंने लिखा, “कानून को अपना काम करने दें। #NotInMyName।”
I don’t endorse it either. Let the law take its own course. #NotInMyName
— Bharti Jain (@bharti11) June 11, 2022
IWPC की ही एक अन्य निर्वाचित सदस्य मोना पार्थसारथी ने भी अपने आपको इस बयान से अलग कर लिया और कहा कि उन्होंने कभी भी इस बयान का समर्थन नहीं किया।
I am an elected member of the IWPC management Committee. While Saba is a valued colleague, I don’t support her hateful messages on Lord Shiva and felt insulted. I have not endorsed this #NotInMyName @iwpcdelhi.
— AashaKhosa (@KhosaAasha) June 10, 2022
टीओआई की लक्ष्मी अय्यर, एएनआई की पायल मेहता, अदिति कपूर और कई अन्य सहित कई अन्य महिला पत्रकारों ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए। IWPC की सदस्य लेखक और पत्रकार संध्या जैन ने बताया कि ‘एकतरफा बयान’ से कितनी महिला पत्रकार परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यह बिना किसी जानकारी या चर्चा के जारी किया गया था। कुछ IWPC मेंबर्स ने सबा नकवी के हिंदूफोबिक ट्वीट की निंदा की और खुद को उनके बयान से अलग कर लिया।
उल्लेखनीय है कि सबा नकवी ने ज्ञानवापी विवाति ढाँचे के अंदर मिले शिवलिंग का मजाक उड़ाते हुए यह साबित करने की कोशिश की कि वो एक फव्वारा है न कि शिवलिंग। इसी को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। उन्होंने 18 मई 2022 को भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की एक तस्वीर साझा की थी, जिसके कैप्शन में लिखा था, “भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में खोजा गया विशाल शिवलिंग।” विवाद बढ़ने पर कुतर्क दिया कि ये उन्हें किसी ने व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड किया था। बाद में नकवी ने अपनी पोस्ट को डिलीट कर दिया था।
इस मामले में नकवी के खिलाफ एफआईआर पर IWPC के अलावा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी आपत्ति जताई है। निकाय ने दावा किया कि सबा ने जो किया वो ईशनिंदा नहीं था।