बेंगलुरु के दंगों पर बात करते हुए, जहाँ संप्रदाय विशेष की हिंसक भीड़ ने मंगलवार (अगस्त 11, 2020) शाम सड़कों पर तोड़फोड़ की, वहीं स्व-घोषित ‘पत्रकार’ अभिसार शर्मा ने दावा किया कि संप्रदाय विशेष को दंगा नहीं करना चाहिए क्योंकि ‘भाजपा प्रचार तंत्र’ अब इस मुद्दे का इस्तेमाल कर उन्हें निशाना बनाएगी और उनके लिए समस्याएँ खड़ी करेंगी।
HW नेटवर्क पर अपने शो में, अभिसार शर्मा एक धर्मनिरपेक्ष ‘भारतीय’ के रूप में आने की भरसक कोशिश करते हैं, जो हर कीमत पर हिंसा के इस कृत्य का विरोध करते हैं, लेकिन जैसे ही वह आगे बढ़ते हैं, उम्मीद से जल्द ही, उसकी वास्तविक चिंताएँ उजागर हो जाती हैं।
वीडियो में 2.15 मिनट पर, अभिसार शर्मा का दावा है कि भाजपा संप्रदाय विशेष के खिलाफ इस घटना का उपयोग करेगी और भविष्य में उनके लिए समस्याएँ पैदा करेगी। 4.54 मिनट पर, उन्होंने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा द्वारा किए गए एक ट्वीट को दोहराया कि भाजपा ने इस घटना का उपयोग झूठी कहानी फैलाने के लिए पहले ही शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रवक्ता ने बेंगलुरु की घटना का इस्तेमाल दलित तथा संप्रदाय विशेष को निशाना बनाने के लिए किया।
अभिसार शर्मा ने कहा, “चूँकि जिस कॉन्ग्रेसी नेता पर हमला हुआ था, वह दलित था, इसलिए भाजपा नेता ने बड़ी चालाकी से, खूबसूरती से दंगों का इस्तेमाल जातिगत एंगल देने के लिए किया।”
अभिसार शर्मा, जो कभी अन्य पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए छवियों को जोड़कर फर्जी खबरें फैलाते हुए पकड़े गए थे, ने कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या पर भी बात की, जिन्हें इस्लामवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था।
शाबाशी हासिल करने के लिए, तथाकथित पत्रकार का कहना है कि उन्होंने पहले अपने एक शो में उन राजनीतिक नेताओं की निंदा की थी, जिन्होंने ईशनिंदा के लिए हिंदू कार्यकर्ता को मृत्युदंड देने की माँग की थी। वाहवाही बटोरने के अपने उत्साह में, ’पत्रकार’ ने लगभग 3.04 मिनट पर एक बार नहीं बल्कि दो बार, कमलेश तिवारी के लिए कमलेश त्रिपाठी शब्द का इस्तेमाल किया।
अभिषेक शर्मा, शो में 3.45 मिनट पर “मंदिर के संरक्षकों” की जय-जयकार करने लग जाते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने सराहना किया कि कैसे संप्रदाय विशेष के युवाओं ने अनियंत्रित भीड़ से ‘मंदिर की सुरक्षा’ के लिए ‘मानव शृंखला’ बनाई। अभिसार शर्मा ने इसे सुखद समाचार बताते हुए कहते हैं कि यह भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को प्रदर्शित करता है। मगर संप्रदाय विशेष के लोगों द्वारा ‘मानव शृंखला’ बनाकर ‘मंदिर बचाने वाले’ का राग अलापने वाले अभिसार शर्मा यह भूल जाते हैं कि हमलावर भी उनके अपने भाई ही थे।
खैर यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। अभिसार शर्मा भी उन्हीं लोगों में शामिल थे, जिनके लिए ‘आगजनी करने वालों’ का कोई धर्म नहीं था, मगर ‘मानव शृंखला’ बनाकर ‘मंदिर बचाने वाले’ वाले का धर्म पता था। बता दें कि यौन उत्पीड़न के आरोपित विनोद दुआ ने भी प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए HW नेटवर्क का इस्तेमाल किया था।
गौरतलब है कि बेंगलुरु पुलिस ने केजी हल्ली थाना क्षेत्र में दंगा भड़काने के आरोप में SDPI के नेता मुजम्मिल पाशा को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि वो इन दंगों का मास्टरमाइंड है। इसके अलावा दो अन्य नेताओं के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। दोनों फिलहाल फरार चल रहे हैं।
SDPI का नेता मुजम्मिल पाशा नवीन नामक व्यक्ति के खिलाफ पैगम्बर मुहम्मद के बारे में अपमानजनक फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में मामला दर्ज करवाने केजी हल्ली थाना पहुँचा था। फिर उसने भड़काऊ भाषण देते हुए पुलिस थाने के बाहर खड़ी संप्रदाय विशेष की भीड़ को सम्बोधित किया। इसके बाद वो कॉन्ग्रेस विधायक श्रीनिवास के आवास पर हिंसक भीड़ के साथ प्रदर्शन करने पहुँचा।
इस दौरान मुजम्मिल पाशा के साथ SDPI के दो और नेता साथ थे जो लगातार लोगों को भड़का रहे थे। उसके सहयोगी नेताओं जफ़र और खलील ने संप्रदाय विशेष की भीड़ को पत्थरबाजी करने और थाने के बाहर गाड़ियों को आग के हवाले करने के लिए भड़काया था। जहाँ पुलिस मुजम्मिल पाशा को गिरफ्तार करने में कामयाब रही है, वहीं बाकी 2 नेता फरार हो गए। सीसीटीवी फुटेज से भी इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।