रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए मुंबई पुलिस ने आज (अक्टूबर 9, 2020) मीडिया संस्थान के कंसल्टिंग एडिटर व रिपोर्टर प्रदीप भंडारी को समन भेजा है। सुशांत सिंह मामले पर प्रदीप भंडारी की रिपोर्टिंग पिछले दिनों काफी चर्चा में थी।
मुंबई पुलिस की ओर से यह कदम तब उठाया गया है जब टीआरपी स्कैम में रिपब्लिक पर लगाए गए आरोप झूठे साबित होते साफ दिख रहे हैं। प्रदीप भंडारी का कहना है कि उन्हें खार में मुंबई पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया था। हालाँकि वह पूछताछ के लिए पेश होने से पहले आधिकारिक समन का इंतजार कर रहे थे।
बता दें कि गुरुवार (8 अक्टूबर 2020) को मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाम लिए जाने के बाद रिपब्लिक टीवी ने हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर नितिन दियोकर द्वारा फाइल की गई एफआईआर एक्सेस की थी। इससे उन्हें पता चला था कि एफआईआर में रिपब्लिक टीवी का नाम नहीं है, बल्कि इंडिया टुडे का नाम है।
इसके अलावा उन्हें एफआईआर से यह भी ज्ञात हुआ कि हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के रिलेशनशिप मैनेजर विशाल भंडारी ने गिरफ्तार होने के बाद खुलासा किया कि इंडिया टुडे व अन्य चैनलों ने उन्हें उकसाया था और उन पैनल हाउसों को पैसे की पेशकश करने को कहा था, जहाँ उन्होंने बार-ओ-मीटर सेट किए।
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि विनय नाम के एक शख्स ने साल 2019 में 5 घरों में जाकर हर रोज इंडिया टुडे दो घंटे देखने को कहा। अपनी रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी ने एफआईआर की कॉपी भी लगाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विनय ने पाँचों घरों के लिए 5000 रुपए कमीशन भी बाँटा। यानी हर घर को एक हजार रुपए। और ये सब सिर्फ़ इसलिए कि वह नवंबर 2019 से मई 2020 तक इंडिया टुडे 2 घंटों के लिए देखें।
#RepublicFightsBack The Mumbai Police Commissioner has been completely & totally exposed. A copy of the FIR in the TRP case mentions India Today as the channel to be investigated. There isn’t a single mention of Republic TV. Param Bir Singh must, in the interest of morality, quit pic.twitter.com/th6ccyJxlr
— Republic (@republic) October 8, 2020
अर्नब गोस्वामी ने इस पूरे मामले पर कहा:
टीआरपी मामले में अब FIR सामने आ चुकी है। इसमें इंडिया टुडे का जिक्र है। FIR में इंडिया टुडे का 6 बार उल्लेख किया गया है। इंडिया टुडे के खिलाफ विस्तृत आरोप लगाए गए हैं। वास्तव में देखें तो, पूरी एफआईआर इंडिया टुडे के खिलाफ है। अब, एक मुख्य गवाह ने भी इंडिया टुडे के खिलाफ महत्वपूर्ण आरोप लगाए हैं। परम बीर सिंह को देश को बताना चाहिए कि वह इंडिया टुडे के खिलाफ एफआईआर पर कार्रवाई करने से इनकार क्यों कर रहे हैं। आरोपित सामने आ चुके हैं। अब यह स्पष्ट है कि परम बीर सिंह ने इंडिया टुडे को बचाने और SSR, पालघर और हाथरस कवरेज के लिए रिपब्लिक को निशाना बनाने के लिए जानबूझकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्हें अब मुंबई पुलिस आयुक्त के रूप में बने रखने का कोई नैतिक व कानूनी अधिकार नहीं है। अब जब सच सामने आ गए हैं, तो उन्हें माफी जारी कर देनी चाहिए। रिपब्लिक परम बीर सिंह के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगा। तथ्यों के बूते हम हर स्तर की लड़ाई लड़ेंगे।