कई मीडिया संस्थान ये खबर चला रहे हैं कि 68वें राष्ट्रीय पुरस्कारों में ‘The Kashmir Files’ को कोई अवॉर्ड नहीं दिया गया, जिससे निर्देशक विवेक अग्निहोत्री नाराज हैं। बता दें कि हाल ही में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेशनल अवॉर्ड्स की घोषणा की, जिसमें तमिल स्टार सूर्या को ‘सोरारई पोटरु’ के लिए और अजय देवगन को ‘तान्हाजी’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। सूर्या की फिल्म को ‘सर्वश्रेष्ठ फिल्म’ का पुरस्कार भी मिला जबकि मनोरंजन की श्रेणी में ‘तान्हाजी’ को ये पुरस्कार मिला।
वहीं कुछ मीडिया संस्थानों ने दावा कर दिया कि 68वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया गया। ‘ABP News’ ने लिखा कि इस फिल्म को कोई भी अवॉर्ड नहीं मिला। वहीं ‘आज तक’ ने लिखा, “नहीं मिला अवॉर्ड तो भड़के विवेक अग्निहोत्री ने ये क्या कह दिया?” इस सनसनीखेज हेडिंग के साथ ‘आज तक’ ने एक वीडियो चलाया। असल में विवेक अग्निहोत्री ने इन अवॉर्ड्स पर प्रतिक्रिया दी थी, जिसे इस तरह से पेश किया गया।
‘आज तक’ ने इसे ‘नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स 2022′ भी बता दिया। असल में विवेक अग्निहोत्री ने लिखा था, “फिल्म ”सोरारई पोटरु’ की टीम, अभिनेता सूर्या, अभिनेत्री अपर्णा बालमुरली और ‘तान्हाजी’ की टीम के साथ-साथ अजय देवगन और 2020 नेशनल अवॉर्ड्स के सभी विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई! दक्षिण भारतीय सिनेमा और क्षेत्रीय सिनेमा के लिए ये एक बड़ा दिन है। हिंदी सिनेमा को अभी और मेहनत करने की ज़रूरत है।”
A lot of reputed media houses are running a vicious ‘Hit Job’ against #TheKashmirFiles. And noone is fact-checking them. If they do this to ‘terrorist friendly’ Bollywood films, ecosystem would instantly call it Islamophobia.
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) July 25, 2022
I leave it here for your conscience to decide. pic.twitter.com/zCfzqCtZAJ
अगर आप इस ट्वीट पर गौर करेंगे तो आपको यहीं पर सारे जवाब मिल जाएँगे। इसमें साफ़-साफ़ लिखा है कि ये अवॉर्ड्स 2020 में आई फिल्मों को दिए गए हैं। ये साल 2020 के लिए था, जब कोरोना वायरस संक्रमण अपने चरम पर था। महामारी के कारण अवॉर्ड्स में देरी हुई। जबकि ‘The Kashmir Files’ मार्च 2022 में रिलीज हुई थी। अभी 2022 चल ही रहा है, ऐसे में भला कैसे इस साल की किसी फिल्म को अवॉर्ड मिल सकता है?
नियम ये है कि जिस वर्ष के लिए अवॉर्ड्स की घोषणा की जाती है, उस वर्ष ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (Central Board of Film Certification)’, अर्थात सेंसर बोर्ड के समक्ष प्रमाण-पत्र के लिए आई फिल्मों पर ही विचार किया जाता है। साल बीतने के बाद ही अवॉर्ड्स की घोषणा जूरी के विचार-विमर्श के बाद होती है। जबकि 2020 में ‘द कश्मीर फाइल्स’ पूरी तरह बनी भी नहीं थी। ऐसे में मीडिया बस अफवाह ही फैला रहा है।