जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। शनिवार (जनवरी 12, 2019) की रात कुलगाम में हुई मुठभेड़ में खूंखार आतंकवादी ज़ीनत उल-इस्लाम सहित दो आतंकवादी मारे गए। ख़बरों के अनुसार पुलिस को कुलगाम जिले के कटपोरा इलाक़े में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके आधार पर सुरक्षा बलों ने वहाँ तलाशी अभियान चलाया। सुरक्षा बलों द्वारा घेराबंदी करने के बाद बौखलाए आतंकियों ने उन पर गोलियाँ बरसानी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षा बलों ने मुँहतोड़ जवाब दिया।
इसके अलावे मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद किया है। पुलिस ने आम नागरिकों को वहाँ न जाने की सलाह दी है क्योंकि उन्हें इस बात का अंदेशा है कि वहाँ बम पड़े हो सकते हैं। पुलिस के अनुसार उन्होंने मुठभेड़ के वक्त आतंकियों को आत्मसमर्पण करने को भी कहा लेकिन वो नहीं माने और गोलियाँ चलाते रहे।
मारा गया आतंकी ज़ीनत उल-इस्लाम मोस्ट वॉन्टेड की केटेगरी में था और अल-बद्र नमक आतंकी संगठन का सरगना था। इस से पहले वह कश्मीर के खूंखार आतंकी समूह हिज़बुल मुज़ाहिदिन से भी जुड़ा हुआ था। पुलिस ने बताया कि वह 2015 से ही घाटी में आतंक फैलाने के काम में लगा हुआ था। ज़ीनत ने अल-बद्र को मजबूत बनाने के लिए हिज़बुल से समझौता भी कर रखा था। उसे IED बम एक्सपर्ट के रूप में भी जाना जाता था। मारे गए दूसरे आतंकी की पहचान शक़ील डार के रूप में की गई है।
आतंकियों को मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया गया और इलाक़े में हिंसा भड़क गई। ताजा ख़बरों एक अनुसार ऐसी स्थिति को देखते हुए पूरे क्षेत्र में इंटरनेट सेवा ठप्प कर दी गई है। वहाँ और जवान तैनात कर दिए गए हैं ताकि हिंसा को काबू में किया जा सके। बता दें कि कुलगाम दक्षिण कश्मीर में स्थित है।
कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकियों द्वारा IED बमों के इस्तेमाल करने की घटनाएँ बढ़ी हैं। शुक्रवार (जनवरी 11, 2019) को ही कश्मीर के राजौरी जिले में लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल के पास सेना के मेजर सही दो जवान शहीद हो गए थे। इन घटनाओं में ज़ीनत या उसके गैंग के हाथ होने की संभावना हो सकती है। फ़िलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की करवाई शुरू कर दी है।