प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार आत्मनिर्भर राष्ट्र के तौर पर उभर रहा है। इसका जीवंत उदाहरण है उत्तर प्रदेश के अमेठी में बनी AK-203 असॉल्ट राइफल्स। अमेठी, जिसकी सियासी पहचान कभी गाँधी परिवार से और अब बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी से है, उसको एक नई पहचान मिली है।
अमेठी में रूस की तकनीकी सहायता से AK-203 राइफल्स निर्मित की जा रही है। मंगलवार, 16 अगस्त को सेना को इसकी पहली खेप मिल चुकी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी पहली खेप को सेना के सौंपा है। इन राइफल्स को मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रूसी सरकार के साथ मिलकर बनाया जा रहा है।
Handed over indigenously-developed equipment & systems to the Indian Army. These systems will enhance the operational preparedness of the Army and help them to deal with future challenges.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 16, 2022
It is a shining example of India’s growing self-reliance prowess.https://t.co/bmr4ggianT pic.twitter.com/X86d2uppcI
साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये ऐलान किया था कि उत्तर प्रदेश का अमेठी जिला AK-203 राफल्स से पहचाना जाएगा। तब विपक्षी पार्टियों ने इसे महज जुमला करार दिया था। हालाँकि आज तीन साल बाद पीएम मोदी का कथन सही साबित हुआ। देश के जांबाज सिपाहियों के हाथ में अब AK-203 असॉल्ट राइफल होगी। जब भी देश का कोई सैनिक AK-203 असॉल्ट राइफल को थामेगा, उसे अमेठी की याद जरूर आएगी।
AK-203 असॉल्ट राइफल्स दुनिया की बेहतरीन राइफल्स में शुमार है। अमेठी के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) कोरवा परिसर में बनी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में इसका निर्माण किया जा रहा है। फिलहाल 5 लाख राइफल्स के उत्पादन को मंजूरी मिली है। तेजी से इन्हें निर्मित करने का काम किया जा रहा है।
AK-203 असॉल्ट राइफल की खूबियां
AK-203 असॉल्ट राइफल कलाश्निकोव सीरीज की सबसे आधुनिक राइफल है। दुश्मनों के लिए ये बहुत ही घातक साबित होती है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, 7.62 X 39mm कैलिबर की AK-203 राइफल्स सेना में इंसास राइफल्स की जगह लेंगी।
AK-203 राइफल्स इंसास से ज्यादा आधुनिक और घातक है। इंसास की तुलना में ये छोटी और हल्की है। AK- 203 का वजन 3.8 किलोग्राम है, जबकि इंसास का वजन बिना मैगजीन और बेयोनेट के 4.15 किलोग्राम होता है। इंसास की लंबाई 960mm है, जबकि AK-203 महज 705mm लंबी है।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, AK-203 असॉल्ट राइफल्स की प्रभावी रेंज 300 मीटर है और ये हल्की होती हैं। उनका कहना है कि ये राइफल्स कश्मीर घाटी में आतंकवाद रोधी अभियानों में भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाएगी। ये अधिक घातक है और इसका उपयोग सरल है। ऐसे में इससे सैनिकों की युद्ध क्षमता बढ़ेगी। इसके जरिए आर्मी ऑपरेशन्स का संचालन और भी सुविधाजनक हो जाएगा।