दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया है कि झारखंड में अल-कायदा प्रेरित आतंकी मॉड्यूल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के माध्यम से जिहाद के लिए धन इकट्ठा करने की योजना बनाई थी। अगस्त में 11 लोगों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने यह दावा किया। जाँच में पता चला कि इनमें से दो आरोपित इस योजना के लाभार्थी थे और इन्होंने आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियार खरीदने के लिए पैसा दिया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 22 अगस्त 2024 को हुई इस गिरफ्तारी के लिए पुलिस को केंद्रीय एजेंसियों से जानकारी मिली थी कि झारखंड आधारित एक आतंकी समूह और दिल्ली में उनके समर्थक आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे। गिरफ्तार लोगों में अनीमुल अंसारी, शाहबाज अंसारी, अल्ताफ अंसारी, हसन अंसारी, अरशद खान, और उमर फारूक शामिल हैं, जिन्हें राजस्थान के भीवाड़ी में हथियार प्रशिक्षण लेते हुए पकड़ा गया। पुलिस ने मौके से एक असॉल्ट राइफल, पिस्तौल, रिवॉल्वर, 66 जीवित कारतूस, एक हैंड ग्रेनेड, बैटरी के साथ एक रिमोट कंट्रोल डिवाइस, एक कार्बाइन, और एक नकली INSAS राइफल बरामद की।
इसके अलावा, रांची में छापेमारी कर डॉ. इश्तियाक अहमद उर्फ कैप्टन, मोहम्मद रिजवान, मोती-उर-रहमान, मोहम्मद रहमतुल्ला, और फैजान अहमद को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से SLR, कार्बाइन और 5.1 लाख रुपये जब्त किए गए। जाँच में सामने आया कि इस मॉड्यूल की अगुवाई डॉक्टर इश्तियाक अहमद कर रहा था और सभी सदस्य भीवाड़ी में हथियार चलाने का प्रशिक्षण ले रहे थे। ताकि इश्तियाक फिदायीन आतंकी दस्ता तैयार कर कर देश में इस्लामी खिलाफत ला सके।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के माध्यम से जिहाद के लिए धन इकट्ठा करने की योजना पर ये ग्रुप काम कर रहा था, ऐसे में वो ऐसे युवाओं को आतंकी समूह से जोड़ता, जिन्हें सरकार की तरफ से पैसे मिले। इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने 12 नवंबर को पुलिस को आठ आरोपितों की छह दिन की हिरासत दी, जिसमें यह कहा गया कि उन्हें 18 नवंबर को पेश किया जाएगा
कोर्ट में पेशी के दौरान सरकारी वकील ने दलील दी कि आरोपितों से पूछताछ बेहद जरूरी है ताकि साजिश के पूरे जाल का पर्दाफाश किया जा सके और इसके अन्य जुड़े लोगों की पहचान की जा सके। सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा कि पुलिस हिरासत में पूछताछ से ही इस केस की गहराई तक जाया जा सकता है। अदालत ने इस तर्क को मानते हुए हिरासत की मंजूरी दे दी।
कोर्ट ने जाँच अधिकारी (IO) को निर्देश दिया कि हिरासत के दौरान आरोपितों की सेहत और सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाए। इसके तहत, भारतीय कानूनी प्रावधानों के अनुसार, पुलिस हिरासत के दौरान इनकी नियमित मेडिकल जाँच कराना अनिवार्य होगा। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस की यह जिम्मेदारी होगी कि आरोपितों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ये गिरोह खास नेटवर्क के जरिए अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था और इसके पीछे बड़े स्तर पर योजना बनाई गई थी। जाँच के दौरान यह भी पता चला है कि इनका कनेक्शन कुछ बाहरी समूहों से भी हो सकता है। पुलिस अब इनके फोन रिकॉर्ड और संपर्कों की गहनता से जाँच कर रही है ताकि पूरे मामले को समझा जा सके।
बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के तहत किसानों को हर साल 6000 रुपये दिए जाते हैं, जो 3 किश्तों में सीधे उनके खाते में आते हैं। ये योजना किसानों को खाद-बीज खरीदने में मदद के लिए सरकार ने शुरू की थी, लेकिन आतंकवादी इस योजना का लाभ अपने घिनौने मकसद को पूरा करने में लगा रहे हैं।