लोकसभा चुनाव के बाद की प्रक्रियाएँ पूरी होते ही मोदी 2.0 पूरे एक्शन मोड में आ चुकी है। देश की जनता की निगाहें गृह मंत्री अमित शाह पर टिकी हुई हैं। पदभार संभालने के बाद अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं। शाह ने गृहमंत्री का पद संभालने के बाद सबसे पहले, जम्मू-कश्मीर में सक्रिय टॉप 10 आतंकियों की सूची तैयार कराने का काम किया है। शाह के इस फैसले से संदेश चला गया है कि वह आतंकवादियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाले हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने जो लिस्ट तैयार करवाई है, उसमें हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल-बदर जैसे आतंकी संगठनों के प्रमुख आतंकियों को शामिल किया गया है। ये आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में आतंक फैला रहे हैं।
गृह मंत्री की टॉप 10 लिस्ट में शामिल आतंकवादियों की सूची :
- वसीम अहमद उर्फ ओसामा – वसीम अहमद लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी है और शोपियाँ डिस्ट्रिक्ट का कमांडर है।
- रियाज अहमद नाईकू – यह हिजबुल मुजाहिदीन का चीफ कमांडर है।
- मुहम्मद अशरफ खान – मुहम्मद अशरफ हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकवादी और अनंतनाग का डिस्ट्रिक्ट कमांडर है।
- मेहराजुद्दीन – यह भी हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकवादी है और बारामूला डिस्ट्रिक्ट का कमांडर है।
- डॉ. सैफुल्ला – डॉ. सैफल्ला हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा है और इसका काम संगठन में नए लोगों को भर्ती करने का है।
- अरशद-उल-हक – अरशद उल हक हिजबुल का आतंकवादी है और पुलवामा का डिस्ट्रिक्ट कमांडर है।
- हाफिज उमर – ये जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी है और पाकिस्तान का रहने वाला है।
- जाहिद शेख – जाहिद शेख भी जैश-ए-मोहम्मद का ही आतंकवादी है।
- जावेद अहमद मट्टू – जावेद अहमद मट्टू आतंकवादी संगठन अल बदर से जुड़ा हुआ है।
- एजाज अहमद मलिक – सुरक्षा एजेंसियों को अंदेशा है कि हिजलुब ने एजाज को कुपवाड़ा का कामांडर नियुक्त किया है।
286 आतंकी अभी भी सक्रिय हैं घाटी में
मंत्रालय ने दावा किया है कि घाटी में इस साल 102 आतंकवादी मारे गए हैं। जबकि 286 आतंकी अभी भी सक्रिय हैं। गौरतलब है कि पदभार संभालने के बाद अमित शाह ने तुरंत जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक से मुलाकात की। इस मुलाकात में शाह ने राज्य में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी। जम्मू-कश्मीर में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है। 15 मिनट की मुलाकात में राज्यपाल ने गृह मंत्री अमित शाह को अमरनाथ यात्रा की तैयारी से अवगत कराया। 46 दिन तक चलने वाली यह यात्रा 1 जुलाई को मासिक शिवरात्रि के दिन से शुरू होगी और 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन संपन्न होगी।