जम्मू-कश्मीर से आतंक और आतंकवादियों का सफाया करने के लिए भारतीय सेना ने कमर कस ली है। सेना के 10 स्पेशलाइज्ड यूनिट इस अभियान में जुटे हैं। ड्रोन से बम बरसाया जा रहा है। जहाँ सेना का ऑपरेशन चलाया जा रहा है, उसके आसपास के जिलों को भी अलर्ट पर रखा गया है। 5 दिनों में सेना ने 4 बड़े सैन्य ऑपरेशन चलाए हैं।
अनंतनाग ऑपरेशन तो अभी भी जारी है। सेना और पुलिस के तीन अधिकारियों (एक कर्नल, एक मेजर और एक डीएसपी) की हत्या के पीछे छिपे आतंकवादियों की तलाश के लिए दक्षिण कश्मीर के इस इलाके में सेना डटी है। इस इलाके में बीते पाँच दिनों से चल रहे सर्च ऑपरेशन के बीच शनिवार (16 सितंबर) को सेना को एक बड़ी कामयाबी बारामुला में हाथ लगी।
Update Op Khanda, #Uri
— Chinar Corps🍁 – Indian Army (@ChinarcorpsIA) September 16, 2023
A Joint operation was launched today morning in Uri Sector. Contact established & firefight ensued. 03xTerrorists eliminated. 02xAK Rifles, 01xPistol, 07xHand Grenades, 01xIED and other war like stores along with Pak Currency Notes recovered.
Joint…
नियंत्रण रेखा (LoC) के पास इस ऑपरेशन में भारतीय सेना और पुलिस ने तीन आतंकी मार गिराए। कश्मीर ज़ोन पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर बारामुला के उरी और हाथलंगा इलाके हुए इस एनकाउंटर की जानकारी दी। सेना के चिनार कोर ने इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मारे गए आतंकी के पास से पाकिस्तानी रुपया भी मिला है।
#BaramullaEncounterUpdate: Another #terrorist killed (Total 03). Search #operation in progress. Further details shall follow.@JmuKmrPolice https://t.co/apSo4RhtFp
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) September 16, 2023
कट्टर इस्लामी मानसिकता वाले आतंकी जंगल वारफेयर की ट्रेनिंग लिए हुए हैं। इसी कारण से भारतीय सेना ने 10 स्पेशलाइज्ड यूनिट इस अभियान में उतारे हैं। आतंकियों के सफाए के लिए 4 बड़े सैन्य ऑपरेशन जो चलाए गए हैं, वो क्या-क्या हैं, आइए जानते हैं।
ऑपरेशन सुजलिगला
‘ऑपरेशन सुजालीगाला’ के दौरान राजौरी के नरला इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद हुई गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए। इसी अभियान में एक राइफलमैन रवि कुमार ने अपना बलिदान दिया। जबकि तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे।
विशेष बलों के साथ भारतीय सेना के जवानों के नेतृत्व में यह ऑपरेशन 11 सितंबर को पतराडा के जंगल में शुरू किया गया था। संदिग्ध गतिविधि का पता चलने पर सुरक्षा बलों ने गोलियाँ चलाई थीं। इसके बाद आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच भयंकर झड़प हुई। लेकिन दोनों आतंकी अंधेरे और घने जंगल का फायदा उठाते हुए अपना सामान छोड़कर भागने में कामयाब रहे। 1-2 दिन के अंदर ही सेना-पुलिस ने दोनों को घेर कर मार गिराया।
#WATCH | Indian Army personnel pay last respects to Indian Army dog Kent, a six-year-old female labrador of the 21 Army Dog Unit. The canine soldier laid down her life while shielding its handler during the Rajouri encounter operation in J&K. Kent was leading a column of… pic.twitter.com/gAxkTusG33
— ANI (@ANI) September 13, 2023
VIDEO | Soldier Kent, a six-year-old female Labrador of the 21 Army Dog Unit, lost its life while while saving its handler during an encounter between the security forces and the terrorists in Jammu and Kashmir’s Rajouri on Tuesday.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 13, 2023
(Source: Indian Army) pic.twitter.com/FWc3dg4Oin
इसके बाद खोज का दायरा बम्बल और नारला सहित आस-पास के क्षेत्रों तक बढ़ाया गया। इस ऑपरेशन में हताहतों में 21 आर्मी डॉग यूनिट की 6 साल की मादा लैब्राडोर केंट भी शामिल थी। अपने हैंडलर की रक्षा करते हुए उसने अपना बलिदान दिया था।
‘ऑपरेशन सुजलिगला’ के बारे में रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि एक संयुक्त अभियान में भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस (जेकेपी) ने 07 सितंबर 2023 से दो आतंकवादियों की गतिविधियों पर नजर रखी तथा उन्हें ट्रैक किया। उन्होंने बताया, “हमारे सैनिकों ने आतंकवादियों को घेर लिया और 12 सितंबर को भारी गोलाबारी हुई। इसमें एक आतंकवादी उसी रात मारा गया। खराब मौसम तथा प्रतिकूल इलाके के बावजूद, रात भर भारी गोलीबारी के बाद 13 सितंबर बुधवार की सुबह दूसरे आतंकवादी का पीछा किया गया तथा उसे भी मार गिराया गया।”
उनके मुताबिक, “आतंकी के पास से बड़ी मात्रा में जंगी सामान बरामद किया गया। इसमें पाकिस्तान के मार्क वाली दवाएँ भी शामिल हैं। 63 राजस्थान राइफल के एक सैनिक ने सर्वोच्च बलिदान दिया और एक एसपीओ के साथ तीन सैनिक घायल हो गए। सेना के एक डॉग केंट ने भी अपने हैंडलर की रक्षा में जान दे दी।”
हांजीवेरा बाला का आईईडी ऑपरेशन
सेना ने एक अन्य ऑपरेशन में उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में सोमवार (11 सितंबर) को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) निष्क्रिय किया था। इसके कारण एक बड़ा हादसा टल गया था।
#IED Recovered near Pattan.#ChinarWarriors & @JmuKmrPolice averted a major terror incident today by recovering & in-situ destroying an IED near Pioneer College, Hanjiwera Bala, #Baramulla. #IndianArmy stands by its commitment to keep #Kashmir terror-free.@adgpi… pic.twitter.com/fR2dn0L6jU
— Chinar Corps🍁 – Indian Army (@ChinarcorpsIA) September 11, 2023
सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने एक्स पर पोस्ट किया, “चिनार वॉरियर्स और जम्मू -कश्मीर पुलिस ने बारामूला के हांजीवेरा बाला के पायनियर कॉलेज के पास एक आईईडी को बरामद कर और उसे नष्ट करके सोमवार को एक बड़ी आतंकी घटना को टाल दिया।” इसमें कहा गया कि सेना कश्मीर को आतंक मुक्त रखने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है।
29 राष्ट्रीय राइफल्स को सोमवार सुबह रोड ओपनिंग प्रोसीजर (आरओपी) के दौरान पट्टन के हंजिवेरा इलाके में आईईडी मिला था। इसके बाद इलाके को तुरंत घेर लिया गया और व्यस्त राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया। बाद में एक बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुँचा और आईईडी को निष्क्रिय कर दिया गया। बाद में यातायात व्यवस्था बहाल कर दी गई।
ऑपरेशन गारोल
ऑपरेशन गैरोल एक खास सोर्स से मिले इनपुट पर अनंतनाग जिले के कोकरेनाग के गारोल के जंगलों में चलाया गया। अधिकारियों के मुताबिक, इस इलाके में 12 सितंबर की शाम को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू हुआ, लेकिन रात में इसे बंद कर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि 13 सितंबर की सुबह आतंकवादियों की तलाश उन्हें एक ठिकाने पर देखे जाने की सूचना के बाद फिर से शुरू की गई। इस मुठभेड़ में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए।
इस अभियान के दौरान 14 सितंबर से लापता एक और सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए। गोलीबारी के दौरान लगी चोटों के वजह से इनकी जान चली गई। इस अभियान में सेना के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी। कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोंचक और डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट्ट की हत्या के लिए जिम्मेदार लश्कर आतंकवादी उजैर खान को सेना ने धर दबोचा। उसके साथी भी कोकरेनाग जंगल के क्षेत्र में फँस गए हैं।
इस संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों ने ड्रोन का इस्तेमाल कर संदिग्ध आतंकवादी ठिकानों पर ग्रेनेड गिराए।
हेरॉन ड्रोन, रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी), कार्ल गुस्ताफ एम4, रॉकेट लॉन्चर, आईईडी और क्वाडकॉप्टर कुछ ऐसे उपकरण हैं, जिनका इस्तेमाल सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस सहित संयुक्त बल कर रहे हैं। ये ऑपरेशन जारी है और 17 सितंबर को पाँचवें दिन में प्रवेश कर गया है। भारतीय सेना ने अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं और वन क्षेत्र में ड्रोन तैनात कर दिए हैं। यहाँ आतंकवादी छिपे हुए हैं।
ऑपरेशन खांदा
जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा के पास शनिवार (16 सितंबर) को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें तीन आतंकवादी ढेर किए गए। नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना और बारामुला पुलिस का सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।
आतंकियों को सबक सिखाने के इन सैन्य अभियानों में राज्य पुलिस भी सहयोग कर रही है। इसके तहत जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले में पुलिस के विशेष जाँच दल (एसआईयू) ने 13 आतंकवादी कमांडरों की संपत्तियाँ कुर्क की हैं।
पुलिस ने जानकारी दी कि राज्य जाँच एजेंसी (एसआईए) ने जम्मू संभाग के रियासी जिले के ऊपरी इलाकों में छापा मारा। इसमें कुछ ओवर-ग्राउंड वर्कर देश-विरोधी तत्वों को रसदी मदद और जानकारी दे रहे थे। इस तलाशी के दौरान कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं।