दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक अपाचे हेलिकॉप्टर अब भारतीय वायुसेना का हिस्सा है। मंगलवार (सितंबर 3, 2019) सुबह एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ की मौजूदगी में 8 अमेरिकी निर्मित बोइंग अपाचे AH-64E हेलिकॉप्टर को वायु सेना के बेड़ें में शामिल किया गया। इन 8 अपाचे हेलीकॉप्टरों को पठानकोट एयरबेस पर तैनात किया गया है। यह अपाचे, पठानकोट एयरबेस पर पहले से तैनात वायुसेना के MI-35 चॉपर्स की जगह लेगा।
#WATCH Punjab: The Apache chopper receives water cannon salute, before induction at the Pathankot Air Base. pic.twitter.com/YNT49rjr3B
— ANI (@ANI) September 3, 2019
पठानकोट एयरबेस पर आयोजित एक विशेष इंडक्शन प्रोग्राम में वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा के बाद यह भारतीय वायु सेना का हिस्सा बन गया। इंडक्शन प्रोग्राम के तहत अपाचे हेलीकॉप्टर को वॉटर कैनन से सलामी दी गई और फिर फ्लाय पास्ट किया गया। इस दौरान बीएस धनोआ ने कहा, “यह दुनिया के सबसे उन्नत हेलीकॉप्टरों में से एक है। यह कई मिशनों को अंजाम देने में सक्षम है। आज अपाचे AH-64E के शामिल होने के साथ भारतीय वायु सेना ने अपने लेटेस्ट जेनरेशन के लड़ाकू हेलीकाप्टरों की सूची को अपडेट कर लिया है।” इसके बाद एक छोटी सी पूजा और मंत्रोच्चार किया गया और फिर अपाचे ने अपनी उड़ान भरी।
Captain Daniel E. Fillion,US Navy Chief,Office of Defense Cooperation at Pathankot Air Base where Apache helicopter were inducted into IAF, earlier today: United States is very happy for attending induction ceremony. It’s a great day for US-India bilateral defence relationship. pic.twitter.com/1RVFwVEnFC
— ANI (@ANI) September 3, 2019
बता दें कि, वायुसेना ने 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों के लिए सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ अनुबंध किए थे। बोईंग द्वारा 27 जुलाई को 22 हेलिकॉप्टरों में से पहले चार को वायु सेना को सौंप दिया गया था।
अपाचे AH-64E की खास बातें:-
- इस हेलिकॉप्टर के अगले हिस्से में नाइट विजन सेंसर लगे हैं, जिससे यह रात में भी मार कर सकता है। भारी मात्रा में हथियार ले जाने की क्षमता से भी लैस है।
- यह AGM-114 हेलीफायर मिसाइल और हाइड्रा 70 रॉकेट पॉड्स से लैस है और इससे 1 मिनट में 128 लक्ष्यों पर निशाना साधा जा सकता है।
- इसकी अधिकतम रफ्तार 280 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसे रडार से पकड़ना बेहद मुश्किल है।
- इसका सबसे खतरनाक हथियार 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता है।
- हेलीकॉप्टर के नीचे लगी राइफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियाँ भरी जा सकती हैं। यह बेहद कम ऊँचाई पर उड़कर हवाई हमले के साथ ही जमीनी हमले करने में भी सक्षम है।
- यह हेलीकॉप्टर थर्मल इमेजिंग सेंसर का इस्तेमाल करके छिपे हुए आतंकवादियों का भी पता लगा सकता है और आतंकियों से अपनी 30 mm गन या एंटी पर्सनल रॉकेट्स से निपट सकता है।